चंगेज़ खान…जिसने सम्पूर्ण विश्व में फैलाया आतंक, लेकिन नहीं कर पाया था भारत पर कब्जा, जानिए क्या था कारण

Genghis Khan

भारत समेत सम्पूर्ण दुनिया में अनेक ऐसे क्रूर शासक हुए, जिनका नाम लेने पर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है। एक ऐसा ही शक्तिशाली शासक था चंगेज़ खान।

जिसने सबसे अधिक मुस्लिम समुदाय के लोगों पर कहर बरपाया था। 12वीं सदी के उत्तरार्ध में चंगेज़ खान ने सम्पूर्ण दुनिया में खौफ पैदा कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था।

चंगेज़ खान के विषय में कहा जाता है कि वह अत्यंत क्रूर शासक था, जो पहले शहरों और गांव में रह रहे लोगों को लूटता था। उसके बाद निर्ममता से उनकी हत्या कर देता था।

चंगेज़ खान के शासन में जगह-जगह पर इंसानी कंकालों और खोपड़ियों के ढेर पाए जाते थे। जिस कारण आज भी जब चंगेज़ खान का जिक्र होता है, तो सब लोग उसकी क्रूरता के भय से डर जाते हैं।

चंगेज खान जोकि अत्यंत निर्दयी शासक था, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि चंगेज खान ने भारत पर आक्रमण नहीं किया? हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं कि क्यों चंगेज़ खान भारत पर शासन या आक्रमण करने में सफल ना हो पाया?

तो चलिए सबसे पहले जानते हैं चंगेज़ खान के बारे में कि आखिर कैसा बीता था उसका बचपन और किन परिस्थितियों ने उसे बना दिया सबसे क्रूर शासक?

चंगेज़ खान का असली नाम तेमुजिन था, जिसका अर्थ होता है लौहकर्मी। लेकिन आगे चलकर समूचे विश्व में अपना वर्चस्व स्थापित करने के बाद उसका नाम बदलकर चंगेज़ खान रख दिया गया, जिसका अर्थ होता है, सागर का महान शासक।

आरंभ से ही चंगेज़ खान मंगोलिया सभ्यता से जुड़ा रहा, यही कारण था कि चंगेज खान आगे चलकर मंगोल शासक के तौर पर जाना गया। बता दें वर्तमान में मंगोल देश पूर्व और मध्य एशिया के बीच स्थित एक देश है।

चंगेज़ खान का जन्म सन् 1162 में मंगोलिया स्थित ओनोन नदी के समीप एक काबिले में हुआ था। उसके पिता येसूजेई जोकि कियात काबिले के मुखिया थे।

उन्होंने तेमुजिन की माता होलयन जोकि अन्य कबीले से संबंध रखती थी, उनका अपहरण करके उनसे विवाह किया था। जिस कारण तेमुजिन के पिता से अन्य काबिले वाले दुश्मनी मानने लगे थे।

यही कारण था कि चंगेज़ खान जब छोटा था, तभी उसकी पिता की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद उसकी माता ने 3 सगे, 2 सौतेले और 1 सगी बहन समेत चंगेज़ खान की परवरिश की। जिसके चलते कहा जा सकता है कि चंगेज़ खान का आरंभिक जीवन काफी चुनौतीपूर्ण रहा।

चंगेज़ खान जब केवल 12 वर्ष का था, तब उसका विवाह बोरते नामक एक लड़की से करा दिया गया था। जिसको लोग अपहरण करके ले गए थे, ऐसे में चंगेज़ खान ने अपनी पत्नी को अपहरणकर्ताओं से बचाने के लिए भी काफी खूनी संघर्ष किया।

इसके बाद तो मानो जैसे युद्ध करना और लोगों को काटकर फेंक देना, चंगेज़ खान का शौक बन गया। उसने यूरोप से लेकर एशिया तक अपने शक्तिशाली वर्चस्व को स्थापित किया और दुनिया को अपने खौफनाक मसूबों से रूबरू कराया।

चंगेज़ खान के इतिहास के बारे में बात करते समय हम उसके चचा जान तुगरिल उर्फ ओंग खान की भी बात करेंगे। जिनका और एक व्यक्ति तातार कैराइट का नाम चंगेज़ खान के पिता की मौत में सामने आया था।

जिसके बाद चंगेज़ खान ने अपने चाचा जान और अपने पिता के हत्यारे के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था। इस दौरान उसने अपने सगे भाई जमूका, पिता के हत्यारे तातार कैराइट और चाचा को मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद मंगोल कबीलियों ने एक सभा बुलाकर उसे चंगेज़ खान यानि शासक की उपाधि दे दी।

जिसके बाद चंगेज़ खान से सबसे पहले चीन पर अपना आधिपत्य स्थापित किया। उसके बाद चंगेज़ खान ने अमू दरिया, तुरान, ख्वारजम, ओट्रार, बुखारा, समरकंद, बल्ख, गुरगंज, मर्व, निशानपुर, हेरत तक मंगोल साम्राज्य का विस्तार किया।

इस तरह से उसने 12वीं सदी के दौरान वर्ष 1206 से लेकर 1227 तक सम्पूर्ण विश्व के 3 करोड़ 30 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल तक अपने शक्तिशाली वर्चस्व को स्थापित किया।

चंगेज खान ने क्यों नहीं किया भारत पर आक्रमण

चंगेज़ खान के विषय में जानने के बाद यह प्रश्न आपके भी दिमाग में जरूर आया होगा कि इतने क्रूर शासक के आतंक से भारत कैसे बच गया?

तो आपको बता दें कि जब चंगेज़ खान ने गजनी (अफगानिस्तान) और पेशावर (पाकिस्तान) पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था।

तब ख्वारिज्म वंश के शासक अलाउद्दीन मुहम्मद की मृत्यु के पश्चात् उसका उत्तराधिकारी जलालुद्दीन मंगवर्नी भागकर सिंधु नदी की ओर आ गया। जिसका पीछा करते हुए चंगेज़ खान भी सिंधु नदी पार करके भारत में प्रवेश कर गया।

जहां उसने दिल्ली के तत्कालीन सुल्तान इल्तुतमिश से मदद मांगी, लेकिन इल्तुतमिश ने चंगेज़ खान से भयभीत होकर उसे मदद देने से इंकार कर दिया।

हालांकि इस दौरान उसने ख्वारिज्म वंश के उत्तराधिकारी से युद्ध जारी रखा और अंत में उसे हराने में सफल भी हो गया।

लेकिन सिंधु नदी के आसपास ढेरा डाले चंगेज़ खान को प्राकृतिक कठिनाइयों, अशुभ संकेतों और असहनीय गर्मी के चलते सिंधु नदी से ही वापिस लौटना पड़ा। जिसके चलते 12वीं सदी का भारत चंगेज़ खान के भयंकर आक्रमण का शिकार होने से बच गया।

चंगेज खान से जुड़े अन्य रोचक तथ्य

  1. चंगेज़ खान जब पैदा हुआ था, तब उसके दाई हथेली पर खून के धब्बे का एक निशान मौजूद था।

  2. चंगेज़ खान ने अपने भाई को इसलिए मार डाला था क्योंकि उसने मछली चुराई थी।

  3. चंगेज़ खान स्वभाव से काफी गुस्सैल, घुम्मकड़ी और अक्रामक प्रवृत्ति का शासक था।

  4. चंगेज़ खान ने अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में करीब 4 करोड़ से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारा था, जोकि अब तक किसी भी क्रूर शासक द्वारा की गई सबसे अधिक हत्याएं हैं। 

  5. चंगेज़ खान ने युद्ध कौशल और नीति अपने पिता से सीखी थी, जोकि एक काबिले के मुखिया थे।

  6. चंगेज़ खान ने उईघुर नामक लिपि को अपने शासनकाल में आगे बढ़ाया था। जिसका राज्य रोमन साम्राज्य से भी 2.5 गुना बड़ा और शक्तिशाली हुआ करता था।

  7. चंगेज़ खान तेंग्रीस धर्म से जुड़ा था। बता दें कि तेंग्री मंगोलो के मुख्य देवता के तौर पर जाने जाते थे।

  8. चंगेज़ खान एक सहिष्णु व्यक्ति था। जोकि अपने जीवनकाल में बौद्ध, जैन, इस्लाम और ईसाई अनेक धर्मों के धर्मगुरुओं से मिला था। लेकिन वह सबसे अधिक बौद्ध धर्म से प्रभावित था। 

  9. जिसके चलते इतिहासकारों के मुताबिक, वह वर्ष 1217 में वह बौद्ध भिक्षु हय्युन से मिला था और ताओइस्म के गुरु कु चूजी के विचारों से भी प्रभावित था।

  10. चंगेज़ खान जोकि एक अत्यंत क्रूर शासक था, लेकिन मंगोल के लोग उसे पूजते थे।

  11. उसका एक मित्र बोघूरचू था, जिसने जीवनभर उसका साथ दिया।

  12. अपनी मृत्यु से पहले ही चंगेज खान ओगदाई खान को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर गया था। इस प्रकार, चंगेज़ खान की मौत के बाद भी उसके वंशजों ने मंगोल साम्राज्य का पूर्वी एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया और मध्य एशिया तक विस्तार किया।

  13. चंगेज़ खान की मृत्यु के बाद उसके पोते बातु खान ने गोल्डन होल्ड सल्तनत की स्थापना की थी। जिससे तात्पर्य खान उपाधि वाले शासक के राज्य से था।

  14. इतिहासकारों की मानें तो चंगेज़ खान ने इतने विवाह किए थे, कि सम्पूर्ण दुनिया में उस दौर में हर जगह उसके वंशज पाए गए होंगे। यानि सम्पूर्ण दुनिया में चंगेज़ खान के डीएनए से हर 200 में से एक व्यक्ति का डीएनए मिल जाता होगा। हालंकि इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, कि उसके अनेकों विवाह रहे होगें लेकिन कोई इस बात से भी इंकार नहीं कर सकता है कि उसके अनेक स्त्रियों से संबंध नहीं रहे होंगे या उसने महिलाओं का बलात्कार नहीं किया होगा।

  15. चंगेज़ खान को मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह का कहर मानते थे।

  16. चंगेज़ खान के जीवन पर जैक वेदरफोर्ड नामक लेखक ने एक पुस्तक लिखी है, जिसमें उन्होंने बताया है कि चंगेज़ खान के पास बहुत सारी संपत्ति और धन था, लेकिन उसकी मृत्यु के बाद उसे बड़े ही साधारण तरीके से दफनाया गया था।

  17. मिले साक्ष्यों के मुताबिक, रूस में वोल्गा नदी के आसपास चंगेज़ खान के वंशजों ने एक शहर उकेक बसाया था। जहां अनेक पत्थर और मिट्टी की मूर्तियां मिली है, जिस पर बेहतरीन नक्क्शी की हुई है।

  18. चंगेज़ खान को घुड़सवारी और तीरंदाजी में विशेष महारथ हासिल थी। जिसने वर्ष 1206 में मंगोल साम्राज्य की स्थापना की थी।

  19. चंगेज़ खान उन राजाओं और शासकों को कुछ नहीं करता था, जोकि आसानी से उसे कर दे दिया करते थे। हालांकि वह धार्मिक नेताओं और गुरुओं से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं किया करता था।

  20. एक बार जब मंगोल शासक लड़ाई कर रहे थे, तब जुर्गादै नामक एक तीरंदाज चंगेज़ खान के खिलाफ में लड़ाई कर रहा था। जिसका तीर चंगेज़ खान के लग गया था, जिसने बाद में यह कबूल भी कर लिया था। जिस पर चंगेज़ खान ने उस तीरंदाज की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे अपनी फौज का जनरल नियुक्त कर दिया था।


चंगेज़ खान ने अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में अनेकों युद्ध लड़े। ऐसे में माना जाता है कि वर्ष 1227 में पश्चिमी जिया से युद्ध के दौरान चंगेज़ खान की मृत्यु हो गई।

लेकिन कई इतिहासकार चंगेज़ खान की मृत्यु का कारण बुबोनिक प्लेग को बताते हैं। जबकि कई लोगों का मानना है कि चंगेज़ खान की मौत चीन के पश्चिमी सिया से युद्ध के दौरान हुई थी।

कई इतिहासकार यह भी मानते हैं कि चंगेज़ खान की मौत तिबेटो बर्मन जनजाति तांगुत की एक राजकुमारी के हाथों हुई थी, जिसने उसके पीठ में छुरा घोंप दिया था।

अन्य लोग मानते हैं कि चंगेज खान की मौत एक युद्ध के दौरान संक्रमित तीर के लगने की वजह से हो गई थी। ऐसे में इतिहासकार आज भी इस  कुख्यात हत्यारे की मौत की गुत्थी सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

आश्चर्य की बात तो ये भी है कि इतिहास के इस कुख्यात शासक की कब्र और प्राचीन धरोहर के तौर पर एक भी निशानी आज मौजूद नहीं है, केवल इतिहासकारों ने जिन तथ्यों को लोगों के सामने रखा है, वही वर्तमान में चंगेज खान की क्रूरता के बारे में बताते हैं।

जिसके कहर से सम्पूर्ण विश्व अछूता नहीं रहा, लेकिन इसकी कुदृष्टि और वीभत्स आक्रमण से भारत बच गया, जोकि कहीं ना कहीं प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व का विषय है।


अंशिका जौहरी

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