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Vikas Divyakirti Biography
यू.पी.एस.सी. के क्षेत्र में आज-कल सबसे जाने-माने व्यक्तियों में से एक, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति, का नाम न केवल विद्यार्थियों के बीच प्रचलित है, ब्लकि भारत के जन समान्य और समाज में भी इनके व्यक्तित्व का उतना ही प्रभाव है। वे भारत के सबसे प्रसिद्ध शिक्षकों में से एक हैं।
आज के इस लेख में हम डॉ विकास दिव्यकीर्ति के जीवन और संघर्षों के बारे में जानेंगे और यह भी जानेंगे की उन्होंने किस प्रकार भारत के सबसे बड़े शिक्षा केंद्रों में से एक दृष्टि आई. ए. एस. की स्थापना की।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जन्म उत्तर भारत के हरियाणा राज्य के एक मध्यम वर्गीय परिवार में, 26 दिसम्बर सन् 1973 को हुआ। 1996 में उन्होंने भारतीय सिविल सेवक की नौकरी प्राप्त करने के लिए यू.पी.एस.सी. की परीक्षा दी जिसमें वे उत्तीर्ण हुए और आई. ए. एस. अधिकारी के रूप में भारतीय गृह मंत्रालय में नियुक्त किए गए। परंतु एक बारहवीं पश्चात उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा दे दिया और शिक्षक बनने की ठान ली। कुछ वर्षों के बाद उन्होंने यू.पी.एस.सी. की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए दिल्ली में दृष्टि अई. ए. एस. नामक शिक्षा संस्थान की स्थापना की।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति एक बहुत अच्छे शिक्षक होने के साथ ही एक सराहनीय लेखक भी हैं। इसके सिवा वे दृष्टि आई. ए. एस. के नाम से यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, हालही में उन्होंने अपने व्यक्तिगत यूट्यूब चैनल को शुरुआत भी की है जिससे वे समाज को विभिन्न विषयों से संबंधित प्रमाणिक जानकारियाँ प्रदान कर सकें और सभी को शिक्षित कर सकें।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का परिवार
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का एक छोटा सा हस्ता-खेलता परिवार है। उनके परिवार में उनके माता-पिता, उनकी पत्नी और उनका एक पुत्र है। उनके माता-पिता दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुके हैं। उनकी पत्नी, डॉ तरुणा वर्मा, दृष्टि आई. ए. एस. में मैनेजिंग डाइरेक्टर के पद पर काम करती हैं और उनके पुत्र, सात्विक दिव्यकीर्ति, अपनी माध्यमिक शिक्षा पूर्ण कर रहे हैं।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का प्रारंभिक जीवन
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जन्मदिन हरियाणा के एक मध्यम वर्गीय परिवार में, 26 दिसम्बर सन् 1973 को हुआ था। दोनों माता-पिता के अध्यापक के क्षेत्र में होने के कारण, उनके घर में हमेशा से पढ़ने-पढ़ाने का माहौल रहा। उन्होंने हरियाणा से ही अपनी स्कूली शिक्षकों प्राप्त की। वे बचपन से पढ़ाई में श्रेष्ठ रहे हैं। उन्हें हमेशा से हिंदी साहित्य और फिलॉसफी में अत्यंत रुचि रही है, इसलिए उन्होंने हिंदी साहित्य में उच्च शिक्षा प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्रियाँ प्राप्त कीं।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की शिक्षा
यू.पी.एस.सी. के शिक्षण के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम अर्जित करने वाले डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी प्राथमिक शिक्षा हरियाणा के ही सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से पूर्ण की। पढ़ाई में अत्यंत रुचि होने के कारण उन्होंने अभी तक कुल पाँच डिग्रियाँ प्राप्त कर ली हैं। प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उन्होंने हिंदी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
इसके पश्चात उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में अपना नाम दर्ज करवा कर वहाँ से इतिहास की पढ़ाई कर बी.ए. और एम.ए. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। इसके बाद उन्होंने फिलॉसफी में एम.फिल. की पढ़ाई पूरी की जिसके बाद उन्हें हिंदी साहित्य फिर आकर्षित करने लगा और उन्होंने हिंदी साहित्य में पी.एच.डी. की।
अंततः उन्होंने एल.एल.बी. की डिग्री हासिल करने के साथ अपने शिक्षा को पूरा किया। एलएलबी की डिग्री प्राप्त कर लेने के पश्चात उन्होंने UGC JRF और समाज शास्त्र से NET की परीक्षा पास की। और फिर इसके बाद उन्होंने यू.पी.एस.सी. की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आई. ए. एस. की नौकरी प्राप्त की।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की उपलब्धियाँ
डॉ दिव्यकीर्ति एक बहुत ही प्रचलित और प्रसिद्ध शिक्षक और लेखक हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत नाम कमाया, फिर चाहे अपनी शिक्षा की बात हो या सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की। आज यू.पी.एस.सी. के लिए पढ़ने वाला हर विद्यार्थी उन्हें परम गुरु के रूप में देखता है। इनकी कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों को नीचे सूचिबद्ध किया गया है।
- उन्होंने हिंदी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएशन और आगे चलकर पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की है
- इतिहास की पढ़ाई कर बी.ए. और एम.ए. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं
- फिलॉसफी में एम.फिल. की डिग्री प्राप्त की
- एल.एल.बी. की डिग्री हासिल को
- दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद के लिए UGC JRF और समाज शास्त्र से NET की परीक्षा पास की
- सन् 1996 में उन्होंने यू.पी.एस.सी. की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आई. ए. एस. की नौकरी प्राप्त की
- सन् 1999 में दृष्टि आई. ए. एस. कोचिंग संस्थान की सुस्थापना की
दृष्टि आई. ए. एस.
डॉ विकास दिव्यकीर्ति अपनी पढ़ाई पूर्ण करने तथा यू.पी.एस.सी. की परीक्षा पास करने के पश्चात, 1996 में आई.ए.एस. के रूप में भारतीय गृह मंत्रालय में नियुक्त किए गए। परंतु कुछ ही महीनों बाद उन्हें यह आभास होने लगा कि जिस सुख की कल्पना उन्होंने की थी वह इस नौकरी में उन्हें नहीं मिल पा रहा था।
इस कारणवश उन्होंने कुछ समय बाद ही आई.ए.एस. की नौकरी से इस्तीफा दे दिया जिसके पश्चात वे तकरीबन 20 महीनों तक बेरोज़गार रहे। इसी बीच उन्होंने यह देखा कि जिस नौकरी को वे त्याग कर आए थे उसी नौकरी के लिए पूरे भारत से न जाने कितने विद्यार्थी तैयारी कर रहे हैं।
ऐसे विद्यार्थियों को उन्होंने मार्गदर्शन देना आरंभ किया जिसमें उन्हें आनंद मिलने लगा। साथ ही विद्यार्थियों को भी उनकी सलाह और उनके मार्गदर्शन से बहुत फायदा मिला। धीरे-धीरे उनके पास आने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी, और तभी डॉ दिव्यकीर्ति ने शिक्षण संस्थान की स्थापना करने का निर्णय लिया। इस संस्थान का नाम उन्होंने दृष्टि आई. ए. एस. रखा।
किंतु दिल्ली जैसे महानगर में स्थित होने के कारण उनके कोचिंग संस्थान को बहुत से प्रतिद्वंदीयों का सामना करना पड़ा और इसलिए दृष्टि आई. ए. एस. के प्रारंभिक कुछ वर्ष बहुत संघर्षपूर्ण रहे। परंतु जल्द ही उनके शिक्षण की विशेष शैली ने विद्यार्थियों का मन मोह लिया। इसी के साथ सन् 2017 में उन्होंने दृष्टि आई. ए. एस. का एक यूट्यूब चैनल शुरू किया जहाँ उनके सबी लेक्चर उपलब्ध कराए जाने लगे देखते ही देखते उनके चैनल को देखने वाले लोगों की संख्या खूब बढ़ने लगी।
आज उनके चैनल से करीब 10 मिलियन लोग जुड़ चुके हैं, और आज के समय में दृष्टि आई. ए. एस. को यू.पी.एस.सी. के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान माना जाता है।
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- Feature Image of Vikas Divyakirti Biography Credit – LiveHindustan