हिंदी व्याकरण में किसी वाक्य या वस्तु विशेष के बारे में बतलाते समय जब अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग किया जाता है, तब उससे हिंदी भाषा प्रवाह पूर्ण और आकर्षक बनती है।
Anek Shabdon ke liye Ek Shabd ke Udaharn
हिंदी भाषा में अनेक शब्दों के एक शब्द के निम्न उदाहरण मौजूद हैं-
- जो खाया ना जा सके – अखाद्य
- जिसका जन्म पहले हुआ हो – अग्रज
- जिसकी कल्पना ना की जा सके – अकल्पनीय
- जो कहा ना जा सके – अकथनीय
- आगे का विचार करने वाला – अग्रसोची
- जो सबके आगे रहता हो – अग्रणी
- जो इन्द्रियों से परे हो – अगोचर
- जो नेत्रों से दिखाई ना दे – अदृश्य
- जो खाली ना जाय – अचूक
- जिसकी चिंता नहीं हो सकती – अचिंत्य
- जो छूने योग्य ना हो – अछूत
- जो बूढ़ा ना हो – अजर
- जिसे जीता ना जा सके – अजेय
- जो न जाना गया हो – अज्ञात
- जिसका कोई शत्रु उत्पन्न ना हुआ हो – अजात शत्रु
- जो कुछ नहीं जानता हो – अज्ञ
- जिसके कुल का पता ज्ञात ना हो – अज्ञात कुल
- जो अपनी बात से ना टले – अटल
- ना टूटने वाला – अटूट
- जो अपनी जगह से ना डिगे – अडिग
- जिसके आने की तिथि ज्ञात ना हो – अतिथि
- जो सबके मन को जानता हो – अन्तर्यामी
- किसी बात को बढ़ा चढ़ाकर कहना – अतिशयोक्ति
- जो पहले ना देखा गया हो – अदृष्टपूर्व
- जो देखने योग्य ना हो – अदर्शनीय
- जिसके समान दूसरा ना हो – अद्वितीय
- जो बीत गया – अतीत
- आवश्यकता से अधिक वर्षा – अतिवृष्टि
- आगे का विचार करने वाला – अग्रसोची
- जो खाली ना जाए – अचूक
- धर्म और शास्त्र के विरुद्ध कार्य – अधर्म
- अधिकार या कब्जे में आया हुआ – अधिकृत
- किसी पक्ष का समर्थन करने वाला – अधिवक्ता
- वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क – अधिशुल्क
- नीचे की ओर मुख किए हुए – अधोमुख
- सर्वाधिकार संपन्न शासक या अधिकारी – अधिनायक
- कर या शुल्क का वह अंश जो किसी कारणवश अधिक लिया जाता है – अधिभार
- वह पत्र जिसमें किसी को कोई काम करने को दिया जाय – अधिपत्र
- किसी सभा या संस्था का प्रधान – अध्यक्ष
- वह स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले – अध्गुढ़ा
- जिसका आदर ना किया गया हो – अनादृत
- जिसका स्वामी ना हो – अनाथ
- जिसका वचन द्वारा वर्णन ना किया जा सके – अनिवर्चनीय
- दोपहर के बाद का समय – अपराह्र
- जो पहले पढ़ा ना गया हो – अपठित
- नीचे की ओर लाना या खींचना – अपकर्ष
- जिसका कोई निश्चित घर ना हो – अनिकेत
- जिसका मन किसी दूसरी ओर हो – अनमना
- जिसका निवारण ना किया जा सके – अनिवार्य
- जिसका आदर जा किया गया हो – अनादृत
- बिना पलक गिराए हुए – अनिमेष
- किसी बात पर बार बार जोर देना – आग्रह
- धन से संबंध रखने वाला – आर्थिक
- आदि से अंत तक – आघोपांत
- जिसे आश्वासन दिया गया हो – आश्वस्त
- आयोजन करने वाला व्यक्ति – आयोजक
- इन्द्रियों को वश में करने वाला – इंद्रियजित
- अपनी इच्छा के अनुसार काम करने वाला – इच्छाचारी
- किसी चीज़ या बात की इच्छा रखने वाला – इच्छुक
- दूसरों की उन्नति को ना देख सकना – ईर्ष्या
- जिस्म संबंध ईसा से हो – ईसवी
- पूरब और उत्तर के बीच की दिशा – ईशान
- किसी नई चीज़ का बनाना – ईजाद
- इतिहास को जानने वाला – इतिहासज्ञ
- जो इन्द्रियों के ज्ञान के बाहर है – इंद्रियातीत
- किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया वृत – इतिवृत
- जिसकी उपमा दी जाए – उपमेय
- जिसका मन उदार हो – उदारमना
- ऊपर कहा हुआ – उपयुक्त
- जिसका उल्लेख किया गया हो – उल्लिखित
- जो उद्धार करता है – उद्धारक
- जिसने ऋण चुका दिया हो – उऋण
- जिस पर उपकार किया गया हो – उपकृत
- सूर्योदय से पहले का समय – उषाकाल
- जो भूमि उपजाऊ हो – उर्वरा
- ऊपर की ओर बढ़ती हुई सांस – ऊर्ध्व श्वास
- जिसका चित्त एक जगह स्थिर हो – एकाग्रचित
- जिस पर किसी दूसरे का अधिकार ना हो – एकाधिकार
- जो दिन में एक बार भोजन करता है – एकाहारी
- इस लोक से संबंधित – ऐहिक
- जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो – ऐच्छिक
- जिसका उच्चारण ओष्ठ से हो – ओष्ठय
- जिसका संबंध उपन्यास से हो – औपान्यासिक
- सारे संसार के देशों की खेल प्रतियोगिताएं – ओलंपिक
- परमब्रह्म का सूचक – ओंकार
- अपनी विवाहित पत्नी से उत्पन्न – औरस
- जो कान को कटु लगे – कर्णकटु
- जो कटु बोलता है – कटुभाषी
- जो काम से जी चुराता है – कामचोर
- जो कहने योग्य हो – कथनीय
- जो कला जनता हो – कलाकार
- जो पुरुष कविता रचता हो – कवि
- जिसके पास करोड़ों रुपए हो – करोड़पति
- क्रम के अनुसार – क्रमानुसार
- धन का देवता – कुबेर
- क्षमा पाने योग्य – क्षम्य
- कार्य करने वाला व्यक्ति – कार्यकर्ता
- कुंती का पुत्र – कौंतेय
- क्षण भर में नष्ट होने वाला – क्षणभंगुर
- भूख से व्याकुल – क्षुधातुर
- ठीक अपने क्रम से आया हुआ – क्रमागत
- ऐसा जो अंदर से खाली हो – खोखला
- किसी के घर की होने वाली तलाशी – खानातालाशी
- वह स्त्री जिसका पति दूसरी स्त्री के मध्य रहता हो – खंडिता
- ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य और चंद्रमा का पूरा बिम्ब ढंक जाए – खग्रास
- खाने योग्य पदार्थ – खाद्य
- जो बीत चुका हो – गत
- जो गांव से संबंधित हो – ग्रामीण
- गणित शास्त्र के जानकार – गणितज्ञ
- जो कानून के विरुद्ध हो – गैरकानूनी
- जो छिपाने योग्य हो – गोपनीय
- घास छीलने वाला – घसियारा
- दो पर्वतों के बीच की भूमि – घाटी
- किसी के इर्द गिर्द घेरा डालने की प्रक्रिया – घेराबंदी
- घृणा करने योग्य – घृणास्पद
- घुलने योग्य पदार्थ – घुलनशील
- बरसात के चार महीने – चतुर्मास
- चार वेदों को जानने वाला – चतुर्वेदी
- जो चंद्र धारण करता हो – चन्द्र धारी
- जिसकी चिकित्सा की जा सके – चिकित्सय
- चार राहों वाला – चौराहा
- सेना के रहने का स्थान – छावनी
- छ महीने का समय – छमाई
- छात्रों के रहने का स्थान – छात्रावास
- सहसा छिपकर आक्रमण करने वाला – छापामार
- कर्मचारियों आदि को छांटकर निकालने की क्रिया – छंटनी
- जो जन्म से अंधा हो – जन्मांध
- जल में जन्म लेने वाला – जलज
- जताने या बताने का कार्य – ज्ञापन
- झूठ बोलने वाला – झूठा
- जिसके लंबे लंबे बिखरे बाल हो – झबरा
- सिक्के ढालने का कारखाना – टकसाल
- टाइप करने की कला – टंकण
- मूल बातों को संक्षेप में लिखना – टिप्पणी
- बहुत डरने वाला – डरपोक
- डाका मारने वाला – डकैती
- ढालने का काम – ढलाई
- तीन नदियों का संगम – त्रिवेणी
- जो तर्क योग्य है – तार्किक
- एक व्यक्ति द्वारा चलाई गई शासन प्रणाली – तानाशाही
- तीन कालों को जानने वाला – त्रिकालज्ञ
- तीन वेदों को जानने वाला – त्रिवेदी
- चौपायों को बांधने का स्थान – थान
- पति पत्नी का जोड़ा – दंपति
- धर्म में रुचि रखने वाला – धर्मात्मा
- जिसमें कोई दोष ना हो – निर्दोष
- दूसरों का भला चाहने वाला – परार्थी
- घूम फिरकर सौदा करने वाला – फेरी वाला
- जो मधुर बोलता है – मधुर भाषी
- जिसकी आंखें सुंदर हो – सुलोचन
- जो दूसरों की हत्या करता है – हत्यारा

अंशिका जौहरी
मेरा नाम अंशिका जौहरी है और मैंने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है। मुझे सामाजिक चेतना से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से लिखना और बोलना पसंद है।