Mahabharat Quotes in Hindi
महाभारत हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथों में पंचम स्थान पर विद्यमान है। जिसे विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू ग्रंथ भी कहा जाता है। इसमें करीब एक लाख श्लोक समाहित हैं। जिसको महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेश जी की सहायता से रचित किया था। महाभारत की कथा में अधर्म पर धर्म की जीत का वर्णन किया गया है। साथ ही इसमें मानव जीवन का सम्पूर्ण सार भी मौजूद है।
ऐसे में आज हम महाभारत के अनमोल वचनों को आपके लिए लेकर आए हैं। जिसे आत्मसात करके आप अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों का आसानी से सामना कर सकते हैं। और जीवन में सन्मार्ग के रास्ते पर चल सकते हैं। इतना ही नहीं महाभारत के अनमोल विचार [Mahabharat Quotes in Hindi] आपकी जीवन नैया को पार लगाने में भी सहायक हैं।
Mahabharat Quotes in Hindi
1. जीवन में सुखी रहने के लिए शांति का होना जरूरी है, क्योंकि अशांत व्यक्ति कभी सुखी नहीं रह सकता।
2. इस सम्पूर्ण जगत में स्त्री ही वह धुरी है, जिसके चारों ओर परिवार नामक ग्रह चक्कर लगाता है।
3. इंसान को अपनी दृष्टि सरल रखनी चाहिए, सदैव सत्य बोलना चाहिए और दूरदर्शी होना चाहिए।
4. संसार में होने वाला परिवर्तन ही इसका नियम है, जिसे कोई बदल नहीं सकता है।
5. जहां स्त्रियों का अपमान होता है, वह समाज विनाश के रास्ते पर चल रहा होता है।

6. यदि किसी व्यक्ति ने तुम पर कोई उपकार किया हो। लेकिन बाद में उसने कोई अपराध किया हो। तो तुम्हें उसे माफ कर देना चाहिए।
7. युद्ध के मैदान में बिना सेनापति के सेना ठीक उसी प्रकार से होती है। जैसे नदी में बिना नाविक के नाव और बिना सारथी के रथ।
8. यदि व्यक्ति स्वयं पर अभिमान करने लगता है, तो उसको भी अंत में दुर्योधन जैसी मौत मिलती है।

9. हमें सदैव ही अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए और उनके उपदेशों का पालन करना चाहिए।
10. व्यक्तियों द्वारा जुएं के खेल में प्रतिभाग करना अत्यंत ही दुष्ट प्रवृत्ति का काम है, इससे समाज का पतन होता है।
11. मनुष्यों को परस्पर भ्रातृभाव से रहना चाहिए। उसे द्वेष से दूर रहना चाहिए।
12. अगर आपका कोई मित्र चतुर स्वभाव का है, तो वहीं आपका सबसे श्रेष्ठ मित्र और मार्ग दर्शक होता है।
13. मनुष्य को यदि तृप्त होना है तो उसे विद्या प्राप्त करनी होगी।
14. संसार में मौजूद दो व्यक्तियों का स्थान स्वर्ग से भी उच्च होता है। एक वह जो शक्तिशाली होकर दूसरे को क्षमा कर देता है, दूसरा वह है दरिद्र होकर भी दान पुण्य करता है।
15. साधु पुरुष मन, कर्म और वाणी से प्रत्येक व्यक्ति के साथ अद्रोही और कृपावान होता है।
16. जब प्रजा अपने राजा के सानिध्य में कर से पीड़ित हो, और उसे प्रतिदिन कष्ट झेलने पड़े। तब उस राजा को हारने से कोई नहीं बचा सकता।
17. जिस प्रकार से हवन से अग्नि बढ़ने लगती है। ठीक उसी प्रकार से विषय का भोग करने से कामवासना भी बढ़ने लग जाती है।
18. मानव का सच्चा धर्म यही है कि उसे जो स्वयं के लिए अच्छा नहीं लगता। वैसा उसे दूसरों के साथ भी नहीं करना चाहिए।
19. इस संसार में दूसरों के ऊपर परोपकार करना सबसे बड़ा पुण्य है, और दूसरे को पीड़ा देना सबसे बड़ा पाप है।
20. जो व्यक्ति दूसरों के प्रति घृणा, असंतोष, क्रोध, शंका और ईर्ष्या रखते हैं, साथ ही दूसरों के धन से अपनी जीविका चलाते हैं। वह सदा ही दुखी रहते हैं।
21. जिस समाज में सभी लोग नेता बनना चाहते हो, सम्मान पाना चाहते हो, महत्वाकांक्षी हो, उस समाज का पतन एक दिन हो ही जाता है।
22. जो व्यक्ति पुरुषार्थ नहीं करते हैं, वह धन, मित्र, उत्तम कुल, दुर्लभ लक्ष्मी आदि का उपभोग नहीं कर सकते हैं।
23. जब आप किसी व्यक्ति को अपनी शरण में लाकर उसकी रक्षा करते हैं। तो ऐसे में पापी के पाप भी पुण्य में बदल जाते हैं।
24. यदि आप अपनी इन्द्रियों को वश में नहीं रखते हैं तो वह नरक बन जाती है। और यदि वश में रखते हैं तो वह स्वर्ग हो जाती हैं।
25. बुरा आदमी उतना ही प्रसन्न होता है, जितना कि एक अच्छे आदमी को बीमार कहने पर वह दुखी हो जाता है।
26. अहंकार मानव जाति का सबसे बड़ा शत्रु है, जोकि मानव जाति के विनाश का द्वार हमेशा के लिए खोल देता है।
27. जब व्यक्ति मोह के वशीभूत होकर अधर्म का भी विरोध नहीं करता है, तब वह महाभारत के युद्ध को न्योता देता है।
28. जो मनुष्य अपने सत्य पर विश्वास करता है और दृढ़ संकल्पी होता है, उसका हमेशा ही कल्याण होता है।
29. जिस व्यक्ति के घर से शरणागत मनुष्य खुश होकर वापस लौटता है, वही सत्पुरुष कहलाता है।

30. जब आपदा आए तब हमें स्वयं की रक्षा के लिए शत्रु से भी मेल कर लेना चाहिए।
31. जो संतान अपने माता पिता की सेवा पूरे सद्भाव से करती है, उनके विषय में चर्चा सम्पूर्ण परलोक में होती है।
32. अगर एक महान् शूरवीर भी अधर्म का साथ दे, तो उसे धर्म के आगे घुटने टेकने ही पड़ते हैं।
33. जो व्यक्ति सत्य, धर्म, सम्मान इत्यादि जगहों पर अपना शीश झुकाता है, वह व्यक्ति यशस्वी होता है।
34. समय से अधिक कोई दूसरा इस संसार में बलवान नहीं होता है, वह प्रत्येक क्षण बदल जाता है।
35. जब सूखी लकड़ी का मिलन गीली लकड़ी से होता है, तब वह भी अग्नि में जल जाती है। ठीक उसी प्रकार से, दुष्टों की संगति में रहने से सज्जन व्यक्ति भी दुख पाते हैं।
36. व्यक्ति को कभी भी सोकर नींद जीतने की इच्छा नहीं करनी चाहिए। और ना ही कामोपयोग के माध्यम से स्त्री को जीतने का प्रयास करना चाहिए।
37. जो मनुष्य अपनी निंदा को सहन करने की अपार शक्ति रखता है, वह सम्पूर्ण संसार में विजयी कहलाता है।
38. जब मनुष्य के पास सत्य होता है, तब उसके पास धर्म होता है, और जब उसके पास धर्म होता है, तभी ईश्वर उसका साथ देता है।

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39. मनुष्य के लिए उसकी मातृ भूमि सदैव प्राथमिकता होनी चाहिए। उसे हर परिस्थिति में उसकी रक्षा करनी चाहिए।
40. जब मनुष्य किसी परिस्थिति में पराक्रम का प्रयोग करता है, तब उसके जीवन से अनर्थ का लोप हो जाता है।
41. विधि का विधान यही है कि एक पुरुषार्थी व्यक्ति को भी समय के साथ मिटकर इतिहास बनना पड़ता है।
42. ईश्वर से मांगने योग्य अगर कुछ है तो वह है उनके प्रति निश्चल भक्ति। जिसको पा लेने मात्र से ही समस्त संसार का वैभव तुम्हें प्राप्त हो जाएगा।
43. जिस प्रकार ईधन डालने से अग्नि भड़कती है, ठीक उसी प्रकार से यदि आपको अपनी कोई प्रिय वस्तु मिल भी जाएं। तब भी आपकी इच्छाएं समाप्त नहीं होती हैं।
44. भोजन करने के दौरान यदि प्यास लगे और पानी की बूंद भोजन में चली जाएं, तो वह भोजन खाने योग्य नहीं रह जाता है।
45. जो व्यक्ति अपनी मां को पुकारता हुआ घर में प्रवेश करता है, वह निर्धन होने के बाद भी अन्नपूर्णा माता का आशीर्वाद पाता है।
46. जिनके पास केवल शारीरिक श्रम होता है, वह अधिक बलवान नहीं होते। बल्कि जिनके पास बुद्धि का बल होता है, वह अधिक शक्तिशाली होते हैं।
47. लोभी और अधिक आसक्ति रखने वाले व्यक्ति का कार्य धर्म को हानि पहुंचाते हैं।
48. अगर आपके मन में किसी व्यक्ति को लेकर क्रोध है, तो आपको उस तत्काल प्रकट कर देना चाहिए। क्योंकि पल में जल जाना देर तक सुलगने से बेहतर है।
49. मनुष्य को अत्यधिक मोह करने से मृत्यु और सत्य का प्रयोग करने से अमृत की प्राप्ति होती है।
50. जिस व्यक्ति को पुरुषार्थ करने के पश्चात् भी अभीष्ट फल की प्राप्ति नहीं होती है, वह विद्वान कहलाता है।
इस प्रकार, पवित्र ग्रंथ महाभारत के अनमोल वचन [Mahabharat Quotes in Hindi] अवश्य ही आपके जीवन में प्रेरणा का कार्य करेंगे। ऐसे में प्रेरणादायक वचनों को पढ़ने के लिए Gurukul99 पर दुबारा आना ना भूलें।
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