“दाम बढ़े क्या! क्या रेट चल रहा है! डूब गया पैसा! आज तो चांदी हो गई! आदि वाक्यों को आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा।”
यह तब कहा जाता है, जब share market में कोई उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। Share market से हमारा अभिप्राय एक ऐसे बाजार से है, जहां लोग अपने रुपयों को दूसरे की कंपनियों में निवेश करके लाभ कमाते हैं।
जरूरी नहीं है कि निवेशकों को सदैव लाभ ही प्राप्त हो, इसलिए कहा जा सकता है कि share market में लाभ और हानि दोनों का ही जोखिम सदा बना रहता है।
दूसरा, जब किसी कंपनी का मालिक अपनी कंपनी में निवेश के उद्देश्य से ग्राहकों से उनका पैसा लगवाता है, और बदले में उन्हें shares प्रदान करता है। जिसको नियत तिथि पर कंपनी की लाभ हानि के आधार पर भुना या उसका भुगतान जनता द्वारा प्राप्त कर लिया जाता है।
तो इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को हम Shares और जिस बाजार में shares खरीदे बेचे जाते हैं, उसे हम share market के नाम से जानते हैं। जहां राष्ट्रीय स्तर पर मौजूद अनेक कंपनियों के shares का कंपनी के मालिक और निवेशकों के बीच आदान-प्रदान किया जाता है।
Share और share market का आरंभिक परिचय देने के बाद अब हम इनके बारे में विस्तार से बात करेंगे।
विषय सूची
Shares क्या होते हैं?
Share का सामान्य शब्दों में अर्थ होता है हिस्सा। यानि कंपनी के मालिक द्वारा अपने निवेशकों को shares प्रदान करके उन्हें यह भरोसा दिलाया जाता है, कि यदि कंपनी को भविष्य में लाभ होता है, तो वह उसका नियत हिस्सा अपने निवेशकों के बीच बाटेंगे। Shares को हिंदी में अंश कहा जाता है।
इस प्रकार, जब किसी कंपनी के मालिक द्वारा अपने निवेशकों को अपनी कंपनी में निवेश करने को कहा जाता है। तब वह उनके निवेश के बदले में उन्हें shares प्रदान करता है। जोकि इस बात का सबूत होते हैं कि फलां व्यक्ति ने उपरोक्त कंपनी के share खरीदे हैं और वह भविष्य में कंपनी की लाभ या हानि का हकदार होगा।
इस तरह से किसी भी कंपनी का मालिक अपना मालिकाना हक अपने निवेशकों को shares के माध्यम से प्रदान करता है। जिससे एक ओर मालिक को अपनी कंपनी के लिए पूंजी प्राप्त हो जाती है, तो वहीं निवेशकों के लिए share निवेश का एक अच्छा माध्यम बन जाता है।
जो व्यक्ति किसी कंपनी के shares को खरीदता है, उसे share holder कहा जाता है। साथ ही जिस कंपनी के मालिक द्वारा अपने निवेशकों को shares खरीदने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
उसे सर्वप्रथम अपनी कंपनी को निजी (Public) करके उसे NSE (National stock exchange) या BSE (Bombay stock exchange) में पंजीकृत कराना होता है। तत्पश्चात् जनता उपरोक्त कंपनी के shares को अपनी सुविधानुसार खरीदती है और उनके बदले में लाभ या कभी कभार हानि भी उठाती है।
Shares कितने प्रकार के होते हैं?
किसी भी कंपनी में मुख्य रूप से दो प्रकार के Share मौजूद होते हैं।
- समता अंश (Equity Share) – यह किसी भी कंपनी में पूंजी का मुख्य आधार होते हैं। इसलिए अधिकांश कंपनियों द्वारा जनता के लिए Equity Shares जारी किए जाते हैं। इन shares को खरीदने वाले share holders कंपनी के मालिकाना हकदार होते हैं, इसलिए जब भी बात share market में निवेश की होती है, तो equity shares निवेशकों की पहली पसंद होते हैं।
- पूर्वाधिकार अंश (Preference Share) – जो लोग किसी कंपनी के Preference Share holder होते हैं, उन्हें equity holders से कम अधिकार प्राप्त होते हैं। इतना ही नहीं Preference Share holders को कंपनी की किसी भी meeting में voting या अपना पक्ष रखने का भी अधिकार नहीं होता है।
लेकिन share market की दुनिया में Preference Shares भी काफी प्रचलित हैं। और जो लोग किसी कंपनी के Preference Shares खरीदते हैं, उनका shares के भुगतान के दौरान लाभ का एक निश्चित प्रतिशत पहले ही निर्धारित कर दिया जाता है।
इसके अलावा DVR (Share with different Voting Rights) भी एक प्रकार के share होते हैं। जिनके खरीददारों को shares का भुगतान तो equity share holders की तरह मिलता है, लेकिन उनके voting rights यानि कंपनी की किसी meeting में अपना मत रखने के अधिकार को पहले से ही सुनिश्चित कर दिया जाता है। मुख्य रूप से समता और पूर्वाधिकार अंश (Equity Shares or preference shares) ही प्रचलित हैं।
Share कैसे जारी किए जाते हैं?
किसी भी कंपनी के द्वारा अपने shares सबसे पहले जनता के सामने IPO (Initial public offer) के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं। जिसके बाद एक मुश्त राशि या चार किश्तों जिन्हें हम वाणिज्य की भाषा में calls कहते हैं, के माध्यम से निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जाता है।
इसके बाद उन्हें निर्धारित नियमों और निवेश के आधार पर shares बेच दिए जाते हैं। इस दौरान कंपनी द्वारा निवेशकों को नियत भुगतान तिथि और आवश्यक जानकारियां पहले से ही दे दी जाती हैं। इसके बाद चाहे तो share holders अपने shares को exchange करके भी लाभ कमा सकते हैं।
कई बार देखा गया है कि निवेशक shares को अधिक समय के लिए ना खरीदकर एक ही दिन में उसकी खरीद बेच करके लाभ कमा लेते हैं। व्यापार की भाषा में use Intraday Trading कहा जाता है। जोकि long term share purchase और investment से काफी अलग होता है।
इसमें जनता उस दिन share market में निवेश या share खरीदती है, जब shares को एक ही दिन में खरीदकर लाभ की संभावनाओं को देखते हुए उन्हें उसी दिन बेच भी दिया जाता है। यानि share market के खुलते ही निवेशकों द्वारा shares खरीद लिए जाते हैं और उसी दिन मुनाफा देखते ही उन्हें बेच दिया जाता है। इस प्रकार कई लोग Intraday Trading के माध्यम से भी shares खरीदकर काफी पैसा कमा लेते हैं।
Shares कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं?
अब हममें से अधिकतर लोगों के मन में यह प्रश्न भी अवश्य आया होगा कि यह share खरीदे कैसे जाते हैं? इसके लिए आपको कुछ नही करना होता है, केवल एक demat account खोलना होता है। demat account आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म में जाकर खुलवा सकते हैं।
जहां आपको register करने के लिए bank saving account, income proof, cancel cheque, PAN card, photos और address proof आदि जरूरी कागजों की जरूरत पड़ती है। साथ ही बैंक से KYC भी करवानी होती है। उसके बाद आपको जिस भी कंपनी के share खरीदने हैं, उस पर bid लगाकर उसे खरीदते हैं और लाभ देखते ही उसे बेच भी दिया जाता है।
अधिकतर देखा गया है कि लोग shares खरीदने और बेचने के लिए दलालों (Broker) का सहारा लेते हैं और share market में अपनी किस्मत अजमाते हैं।
आगे अब हम किसी भी कंपनी में share की कीमतों से जुड़े उतार चढ़ाव पर निगाहें टिकाए रखने के लिए share market का रुख करेंगे, यानि share market के बारे में जानेंगे।
Share market क्या है? Share market in Hindi
Shares के बारे में जानने के बाद अब हमारे मन में share market को जानने की उत्सुकता अवश्य होगी।Share market में share खरीदने और बेचने के लिए आपका demat account जरूर होना चाहिए। तभी आप share खरीद पाएंगे और उन्हें बेच भी सकते हैं।
ऐसे में जब आपका demat account एक्टिव हो जाता है, तब उसमें आपके द्वारा खरीदे द्वारा share आ जाते हैं। फिर उन्हें stock exchange में लगाकर आसानी से बेचा जा सकता है। Stock exchange में जब आपके सारे share बिक जाते हैं तब sell का सारा पैसा आपके demat account में ट्रांसफर हो जाता है। जिसे आप अपने bank account में जमा करके निकाल भी सकते हैं।
Share market के प्रकार
हमारे देश में दो प्रकार के share market चलन में हैं। जिनमें BSE (Bombay stock exchange) और NSC (National stock exchange) आते हैं। जहां कंपनियां अपने shares को पंजीकृत करके जनता को बेचती हैं।
Share market में Bonds, mutual funds, debentures, securities आदि का भी व्यापार किया जाता है। जबकि secondary share market के तहत brokers को रखा गया है। जिनके माध्यम से आप अपना रुपया Share market में लगाते हैं।
अब हम share को खरीदने की प्रक्रिया को एक उदाहरण के माध्यम से समझेंगे।
मान लीजिए किसी कंपनी ने अपने 1 लाख share जनता के लिए जारी किए हैं। इनमें से आप 10 हजार रुपए के share खरीद लेते हैं, तो समझिए आप कंपनी के 10 प्रतिशत के हकदार हो जाते हैं। इसके बाद हर वर्ष सालाना या तीन माह के बाद कंपनी का लाभ होने पर आपको एक निश्चित प्रतिशत लाभांश की भी प्राप्ति होती है।
आप चाहे तो लाभ की स्थिति में, अपने share की हिस्सेदारी बेच भी सकते हैं। आप share खरीदने और बेचने के लिए किसी broker की भी सहायता ले सकते हैं, जिसको आपको एक निश्चित राशि पर कमीशन देना होता है।
तो चलिए अब हम जानते हैं कि कोई कंपनी stock exchange में अपने shares कैसे पंजीकृत करवाती है? आपको बता दें कि share market पर पूर्ण रूप से SEBI (Securities and exchange board of India) का नियंत्रण होता है।
जिसके द्वारा स्वीकृति मिलने पर ही कोई भी कम्पनी अपने shares मार्केट में उतार सकती है। जिसके लिए किसी भी कंपनी को कम्पनी से जुड़े जरूरी दस्तावेज SEBI के तहत रजिस्टर करवाने होते हैं, जिनकी जांच पूरी होने के बाद उपरोक्त कंपनी SEBI की पंजीकृत कंपनियों में शामिल हो जाती है।
और अगर कोई कंपनी SEBI द्वारा निर्धारित आवश्यक शर्तों या उसके मापदंडों पर खरी नहीं उतरती है, तो उसे रजिस्टर्ड कंपनियों की लिस्ट में से हटा दिया जाता है।
आपको अपना रुपया Share market में लगाने से पहले यह भी जान लेना चाहिए कि आखिर shares की कीमतें कैसे घटती और बढ़ती हैं? इसका सीधा संबंध share market में मौजूद demand और supply पर निर्भर करता है।
यानि यदि share market में share बेचने वालों से ज्यादा खरीदने वालों की संख्या होगी, तब share का मूल्य बढ़ेगा, तो अवश्य ही आपको इसका लाभ मिलेगा। इसका संबंध support level price के ऊपर चढ़ने पर होता है।
इसके विपरित यदि shares बेचने वालों की संख्या अधिक होगी तब आपको घाटे का सौदा करना पड़ सकता है। इस दौरान Resistance price point के नीचे गिरने से shares की कीमत का कम होना पता चलता है।
Share market में sensex और nifity क्या होता है?
सेंसेक्स (Sensex) – यह BSE का सूचकांक है, जिसका निर्धारण 30 प्रमुख कंपनियों के कुल मूल्य से किया जाता है। यदि sensex ऊपर की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे, इसका मतलब कि BSE में। लिस्टेड कंपनियों के share price मुनाफा दिलवा सकते हैं। इसके विपरित यदि sensex गिरता है, तो मतलब उपरोक्त कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा नही है।
Nifity (निफ्टी) – यह NSE का सूचकांक होता है, जिसका निर्धारण प्रमुख 50 कम्पनियों के कुल मूल्य के आधार पर किया जाता है। इसमें भी share की बढ़ती और घटती कीमतों का अंदाजा nifity के बढ़ने और घटने पर लगाया जाता है। Share market से लाभ कैसे कमाएं?
इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी आवश्यकता को निर्धारित करना होगा। यानि अगर आप share market में केवल इसलिए रुपया लगाना चाहते हैं, क्योंकि आपके जानने वालों में किसी को इसका लाभ पहुंचा है, तो आपको share market में अपना रुपया फंसाने से बचना चाहिए।
यह एक प्रकार की सट्टेबाजी होती है, जहां रुपया डूबने के बाद व्यक्ति स्वयं को ऋणग्रस्त बना सकता है। इसलिए हम आपको तभी share market में निवेश की सलाह देंगे जब आप बेहद ही सोच समझकर और बुद्धिमानी से share market का प्रयोग करेंगे।
सबसे पहले तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि share market में लाभ अधिकांश लोगों को तभी हुआ है, जब उन्होंने इसमें लंबी अवधि के लिए पैसा निवेश किया है।
साथ ही आपको सदैव अपनी उसी पूंजी का इस्तेमाल share market में करना चाहिए। जिसका प्रयोग आपको जल्द न करना हो या वह आपके पास अत्यधिक रूप में मौजूद हो।
कभी भी share market में रुपया निवेश करते समय या shares खरीदते और बेचते समय आपको तुक्का या अंदेशा लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से आप अपनी अच्छी खासी रकम को डूबा सकते हैं।
हो सके तो share market में निवेश करने से पहले आप किसी ऐसे व्यक्ति को अपना सलाहकार नियुक्त करें, जिसे share market की जानकारी हो। हां ये आपके लिए थोड़ा खर्चीला साबित हो सकता है, लेकिन इससे आप अपने रुपए को एक तो सही जगह निवेश करके लाभ कमा पाएंगे। दूसरा आपका रुपया डूबने से बच जायेगा।
दूसरी ओर अगर बात करें share price के गिरने की, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार और consumer behaviour में होने वाले बड़े बदलावों के कारण भी अक्सर shares का price कम हो जाता है। दूसरा किसी प्रकार की राष्ट्रीय आपदा भी share price कम होने का कारण होती है।
ऐसे में share market में निवेश करने से पहले आपको इसके बदलते मूड का भी विश्लेषण करना आवश्यक है। साथ ही आपको सदैव ही share market में हो रही हलचल से खुद को update रखना होगा।
और share market को ठीक तरह से analysis, research, planning और खुद की economic condition के हिसाब से सोच समझकर इसमें investment करना होगा तभी आप इसमें कामयाबी और अधिक लाभ हासिल कर सकते हैं।
इसके अलावा, आप share market में shares के अलावा bond, mutual funds or debentures में भी अपना रुपया निवेश कर सकते हैं। जोकि निम्न प्रकार हैं:-
Bonds – जब किसी कंपनी को loan की आवश्यकता होती है, तब वह जनता से नियत तिथि पर लौटाने की शर्त पर ऋण लेती है। जिसपर निर्धारित रेट के हिसाब से निवेशक को ब्याज की भी प्राप्ति होती है। Debentures भी एक प्रकार से कंपनी के द्वारा जारी किए गए ऋण पत्र होते हैं। जिन्हें लेकर जनता कंपनी से अपनी पूंजी के साथ ब्याज भी प्राप्त करती है।
Mutual funds – mutual funds संस्था के माध्यम से आपका रुपया सुरक्षित हाथों में। पहुंच जाता है। क्योंकि आप mutual funds द्वारा जारी किए गए shares में जब पैसा निवेश करते हैं तो कंपनी के अनुभवी व्यक्ति द्वारा अपने ज्ञान और कौशल के आधार पर आपके रुपए को बेहतर कंपनियों में निवेश किया जाता है।
जिसके बदले में वह अपना शुल्क भी ऐसे प्राप्त करते हैं। Mutual funds सुरक्षित निवेश के लिए निवेशकों के पास एक अच्छा विकल्प है। जिसमें SIP (Systematic Investment plan) के तहत आपके रुपयों को mutual funds में निवेश किया जाता है।
हालांकि bonds और mutual funds में shares की तरह बहुत लाभ तो प्राप्त नहीं होता है, लेकिन यह भी एक प्रकार से निवेश का अच्छा माध्यम हो सकते हैं।
आशा करते हैं कि आपको हमारे share market के विषय में दी गई जानकारी ज्ञानवर्धक लगी होगी और आप अब share market के काफी पहलुओं से परिचित हो गए होंगे। ऐसे ही अन्य जानकारी पाने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें।
