वचन की परिभाषा – Vachan ki Paribhasha
वाक्य में प्रयुक्त जिन शब्दों से किसी व्यक्ति और वस्तु के एक या एक से अधिक होने का पता चलता है, वह वचन कहलाते हैं। अर्थात् संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और विशेषण की जिस अवस्था से हमें वाक्य में संख्यात्मक विकारों की प्राप्ति होती है, वह वचन होती है।
दूसरे शब्दों में, जो शब्द संख्याबोधक होते हैं, वह वाक्य का वचन रूप कहलाते हैं। जैसे- स्कूल में बच्चे पढ़ रहे हैं, माली पौधों को पानी दे रहा है, सीता कपड़े धो रही है। उपरोक्त वाक्यों में बच्चों, पौधों और कपड़ों की एक से अधिक संख्या का बोध हो रहा है।
वचन के प्रकार – Vachan ke Prakar
हिंदी में प्रयुक्त वचनों के दो प्रकार होते हैं-
- एकवचन
- बहुवचन
तो वहीं संस्कृत भाषा में यह तीन प्रकार में बंट जाते हैं-
- एकवचन
- द्विवचन
- बहुवचन
एकवचन – वाक्य में मौजूद जिस शब्द से हमें किसी प्राणी, वस्तु और पदार्थ के एक रूप के बारे में ज्ञात होता है, वह एकवचन कहलाते हैं। यानि शब्द के जिस रूप से वाक्य में एक संख्या के होने का बोध होता है वह एकवचन होते हैं।
बहुवचन – जो शब्द वाक्य में किसी व्यक्ति और वस्तु की एक से अधिक संख्या का बोध कराते हैं, वह बहुवचन कहलाते हैं। इनमें व्यक्ति और वस्तु की एक से अधिक मात्रा में होने का पता चलता है।
वचन के उदाहरण – Vachan ke Udaharan
एकवचन – बहुवचन
बेटा – बेटे
मुर्गा – मुर्गे
जूता – जूते
तारा – तारे
कपड़ा – कपड़े
लड़का – लड़के
घोड़ा – घोड़े
कलम – कलमें
रात – रातें
बात – बातें
पुस्तक – पुस्तकें
स्त्री – स्त्रियां
मेज – मेजें
कुर्सी – कुर्सियां
संतरा – संतरे
बिंदिया – बिंदियां
केला – केले
तोता – तोते
बेटी – बेटियां
गमला – गमले
घड़ी – घड़ियां
चिड़िया – चिड़ियां
कन्या – कन्याएं
भुजा – भुजाएं
शाखा – शाखाएं
पत्रिका – पत्रिकाएं
साड़ी – साड़ियों
नदी – नदियों
माता – माताएं
टोपी – टोपियां
चूहा – चूहे
पेंसिल – पेंसिलें
घर – घरों
रूपया – रुपए
गधा – गधे
आंख – आंखे
वस्तु – वस्तुएं
कथा – कथाएं
दवा – दवाएं
कला – कलाएं
कामना – कामनाएं
भुजा – भुजाएं
अध्यापिका – अध्यापिकाएं
डिबिया – डिबियां
नीति – नीतियां
नारी – नारियां
गति – गतियां
चुटकी – चुटकियां
सेना – सेनादल
पाठक – पाठकगण
गरीब – गरीबलोग
विद्यार्थी – विद्यार्थी गण
मित्र – मित्रगण
गुरु – गुरुजन
अधिकारी – अधिकारी गण
बालक – बालक गण
स्त्री – स्त्री जन
वृद्ध – वृद्ध जन
दर्शक – दर्शक गण
व्यापारी – व्यापारी गण
साधु – साधुओं
वधू – वधुओं
दवा – दवाओं
लता – लताओं
झाड़ी – झाड़ियों
पत्ता – पत्ते
बच्चा – बच्चे
तिनका – तिनके
कमरा – कमरे
कविता – कविताएं
भाषा – भाषाएं
बुढ़िया – बुढ़ियां
ऋतु – ऋतुएं
सेना – सेनाएं
गुड़िया – गुड़ियां
मिठाई – मिठाइयां
दवाई – दवाइयां
हड्डी – हड्डियां
एकवचन और बहुवचन संबंधी विशेष नियम
1. उम्र में बड़े और सम्मानित व्यक्तियों के लिए सदैव बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे – महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका गए थे।
2. रिश्ते दर्शाने में एकवचन और बहुवचन का प्रयोग समान रूप से होता है। जैसे – नानी, नाना, मामा, मामी, दादा, दादी।
3. वाक्यों में द्रव्य पदार्थों की अधिकता को दर्शाने के लिए एकवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे – दूध, पानी, घी, तेल, दही आदि।
4. धातुओं के बारे में बात करते समय भी एकवचन का ही प्रयोग किया जाता है। जैसे – सोना, चांदी आदि।
5. किसी वाक्य में जब करण कारक शब्द मौजूद होते है तब वहां बहुवचन का प्रयोग होता है। जैसे – बेचारा भिखारी जाड़े से परेशान है, गरीब व्यक्ति भूखे मर रहे हैं आदि।
