वर्तनी शब्द: अर्थ और शुद्ध-अशुद्ध शब्द – Vartani in Hindi

Vartani in Hindi

वर्तनी किसे कहते हैं? – Vartani kise kehte hain

हिंदी व्याकरण के अनुसार, जब शब्द निर्माण के दौरान वर्णों को मात्राओं के आधार पर व्यवस्थित रूप से लिखा जाता है तो उस रीति को वर्तनी कहा जाता है। हिंदी शब्दों की वर्तनी मुख्यता उच्चारण पर निर्भर करती है। ऐसे में हिंदी भाषा में यदि किसी शब्द का उच्चारण गलत होगा तो उसकी वर्तनी [Vartani in Hindi] स्वत: गलत हो जाएगी क्योंकि हिंदी भाषा में जिन शब्दों को आम बोल चाल की भाषा में जैसे उच्चारित किया जाता है। उन्हें वैसे ही लिखा जाता है।

दूसरी ओर, व्याकरण के नियमों की जानकारी ना होने पर अक्सर लोग हिंदी के शब्दों की वर्तनी को उच्चारण के आधार पर गलत कर देते हैं। जबकि व्याकरण में उन शब्दों को अलग प्रकार से लिखा जाता है। इस प्रकार, ऐसे शब्द निम्न है, जिनकी शुद्ध और अशुद्ध वर्तनी मौजूद हैं।

अ और आ संबंधी वर्तनी

अशुद्ध – शुद्ध
अकाश – आकाश
अगामी – आगामी
अजमाइश – आजमाइश
अन्त्यक्षरी – अन्त्याक्षरी
अर्यावर्त – आर्यावर्त
अलपीन – आलपीन
अवाज – आवाज
अहार – आहार
भगीरथी – भागीरथी
नदान – नादान

इ और ई संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
आशिर्वाद – आशीर्वाद
इद – ईद
इश्वर – ईश्वर
इसाई – ईसाई
महाबलि – महाबली
सूचिपत्र – सूचीपत्र
हिंग – हींग
यानि – यानी
प्राणि – प्राणी
महिना – महीना

उ और ऊ संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
अनुदित – अनूदित
उधम – ऊधम
उष्मा – ऊष्मा
दुसरा – दूसरा
सुई – सूई
रूपया – रुपया
गुरू – गुरु
ऊत्थान – उत्थान
साधू – साधु
दूबारा – दुबारा

ऋ संबधी अशुद्धियां

रिगवेद – ऋग्वेद
रिषि – ऋषि
पैत्रिक – पैतृक
संग्रहीत – संगृहीत
अनुग्रहित – अनुगृहित
तृकोण – त्रिकोण
रितु – ऋतु
रिणी – ऋणी
त्रितीय – तृतीय
रिधि – ऋद्धि

ए और ऐ संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
एक्ट – ऐक्ट
केंटीन – कैंटीन
केबिनेट – कैबिनेट
जेसा – जैसा
टेक्स – टैक्स
पेसा – पैसा
वेश्य – वैश्य
वेसा – वैसा
मेसूर – मैसूर
देहिक – दैहिक

ओ और औ संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
अलोकिक – अलौकिक
गोरव – गौरव
पारलोकिक – पारलौकिक
प्रोढ़ – प्रौढ़
झौंपड़ी – झोपड़ी
ओरत – औरत
पोरुष – पौरुष
गोतम – गौतम
न्यौछावर – न्योछावर
त्यौहार – त्योहार

विसर्ग (:) संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
दुश्शील – दु:शील
दुख – दुःख
निशुल्क – नि:शुल्क
निस्वार्थ – नि:स्वार्थ
प्रातकाल – प्रात:काल
प्राय – प्राय:
मनस्थिति – मन:स्थिति
शनै शनै – शनै: शनै:

छ और क्ष संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
आकांछा – आकांक्षा
छत्रिय – क्षत्रिय
छन – क्षण
छमा – क्षमा
छय – क्षय
छीण – क्षीण
नछत्र – नक्षत्र
लछमन – लक्ष्मण
संछेप – संक्षेप
रच्छा – रक्षा

ज और य संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
जदि – यदि
जम – यम
जमुना – यमुना
जाचना – याचना
जुवती – युवती
जुवा – युवा
जोग – योग
अजोधा – अयोध्या

ट और ठ संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
कनिष्ट – कनिष्ठ
झूटा – झूठा
कुष्ट – कुष्ठ
गरिष्ट – गरिष्ठ
घनिष्ट – घनिष्ठ
निष्टा – निष्ठा
पृष्ट – पृष्ठ
वरिष्ट – वरिष्ठ
श्रेष्ट – श्रेष्ठ
गोष्टी – गोष्ठी
संतुष्ठ – संतुष्ट
चेष्ठा – चेष्टा
परिशिष्ठ – परिशिष्ट
ईष्ठ – ईष्ठ
प्रविष्ठ – प्रविष्ट

ड, ड़, ढ, ढंग संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
कन्नड – कन्नड़
क्रीडा – क्रीड़ा
घोडा – घोड़ा
झाडू – झाड़ू
पडता – पड़ता
पेड – पेड़
लडका – लड़का
बूढा – बूढ़ा

ण और न संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
अर्चणा – अर्चना
खाणा – खाना
प्रार्थणा – प्रार्थना
फागुण – फागुन
रसायण – रसायन
राणी – रानी

ब और व संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
नबाब – नवाब
पूर्ब – पूर्व
बिकट – विकट
धोवी – धोबी
बिष – विष
बीबी – बीवी
ब्यय – व्यय
बिधि – विधि
बिमल – विमल

ड़, ण, न, म संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
अन्ग – अंग
झन्डा – झंडा
चन्चल – चंचल
घन्टे – घंटे
पन्डित – पंडित
पन्क – पंख
पन्खा – पंखा
दन्ड – दंड

य संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
अंताक्षरी – अंत्याक्षरी
सामर्थ – सामर्थ्य
स्वास्थ – स्वास्थ्य
मानवर – मान्यवर
कवित्री – कवयित्री
सदृश्य – सदृश
मूलतय: – मूलत:
केंद्रीयकरण – केंद्रीकरण

श, ष और स संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध – शुद्ध
आदर्ष – आदर्श
दृष्य – दृश्य
कष्टम – कस्टम
रजिष्टर – रजिस्टर
वेषभूषा – वेशभूषा
प्रकासन – प्रकाशन
प्रसंसा – प्रशंसा
अवकास – अवकाश
असोक – अशोक
आसा – आशा
उत्कर्श – उत्कर्ष
निश्फल – निष्फल
अभिसेक – अभिषेक
दुस्कर – दुष्कर
हर्श – हर्ष
सुसमा – सुषमा
परिभाशा – परिभाषा
संकर – शंकर
साबास – शाबाश
पुश्प – पुष्प
वास्प – वाष्प
निसाद – निषाद
शीर्शक – शीर्षक
संतोश – संतोष
भीस्म – भीष्म
अमावश्या – अमावस्या
कैलाश – कैलास
तपश्या – तपस्या
समश्या – समस्या
शुशोभित – सुशोभित
प्रशाद – प्रसाद
प्रश्न – प्रसन्न
नमश्कार – नमस्कार
कोशी – कोसी
कैलाश – कैलास
पुरश्कार – पुरस्कार
भ्रश्ट – भ्रश्ट
निश्काम – निष्काम
विशेश – विशेष

उपरोक्त के अलावा हिंदी व्याकरण में कई प्रकार के शब्द मौजूद है जो वर्तनी के आधार पर अन्य प्रकार से लिखे और बोले जाते हैं।


अंशिका जौहरी

मेरा नाम अंशिका जौहरी है और मैंने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है। मुझे सामाजिक चेतना से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से लिखना और बोलना पसंद है।

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