Google Search Console kya hai?

इस article में आपको Google Search Console के बारे में बताएँगे जो की website की Google में performance को जानने के लिए एक बहुत ही जरूरी tool है।

Google Search Console kya hota hai?

Google Search Console एक फ्री tool है जिससे हम अपनी वेबसाइट पर आने वाले users के बारे में बेहतर जान सकते हैं जैसे – Google में किसी keyword को सर्च करने पर हमारी website को कितनी बार क्लिक किया गया, किसी keyword पर हमारी website की average rank क्या है, हमारे कितने post Google में index हो चुके हैं इत्यादि।

इस tool को use करना बहुत ही आसान है, इसे step by step सीखते हैं-

  • Search console पर अपनी property add करें: Google search console खोलने के बाद add property वाले विकल्प पर क्लिक करें और उसमें अपनी site का URL लिख कर submit कर दें।
  • इसके बाद अपनी site की details चैक करें और verify करने के लिए verify वाले button पर click करें।
  • इसके नीचे कुछ technical जानकारी दी होगी। हम यह सुझाव देंगे की आप इस technical जानकारी से deal करने के लिए अपने developer की सहायता लें।


Search Console के मुख्य भाग

जैसे ही आप search console खोलेंगे, उसकी left side पर आपको कुछ options नजर आएँगी। इन options को use करना बहुत ही आसान है, जिन में से कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं-

Performance

यह search console का सबसे मुख्य भाग है जो आपकी साइट के traffic के बारे में सारांश बताता है। जब आप performance tab पर click करेंगे तो आपको तीन चीजें दिखाई देंगी–

  • Total clicks: इस कॉलम से आपको पता चलेगा की result पेज पर आपकी साइट को देख कर कितने लोगों ने click किया। दूसरे शब्दों में, कितने लोगों ने आपकी साइट visit करने की इच्छा की। 
  • Total impressions: इस कॉलम में यह बताया जाता है कि आपकी साइट का नाम कितनी बारी search engine result page पर show हुआ।
  • Average CTR: CTR का पूरा मतलब होता है click-through rate. यह ज़रूरी नहीं है कि जितने clicks हुए, उतने visits भी हुए। बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे धीमी loading स्पीड, बुरा internet connection या फिर user का मन बदल जाए, जिसकी वजह से वो click करने के बाद भी आपकी site को visit ना करे। इसलिए traffic के बारे में यह जानकारी पहले कॉलम से बेहतर अनुमान देती है।

इसके अतिरिक्त नीचे visitors के बारे में विस्तार में जानकारी दी जाती है जो एक list के रूप में होती है जिसमें से कुछ मुख्य यह हैं–

  • Keyword wise clicks और CTR बताई जाती है। इसका मतलब यह है कि जो keyword users search करते हैं, उस keyword की वजह से कितने लोगों ने हमारी site visit की है।
  • बिलकुल इसी तरह यह average CTR वाली जानकारी URL Wise, country wise, device wise bhi दी होती है।

Coverage

Search console का पहला हिस्सा हमें users द्वारा हमारे साइट के visits के बारे में बताता है मगर यह coverage tab हमें google के नज़रिए से जानकारी देता है कि जब google ने हमारी site visit की तो उसको क्या परेशानियां आईं। यह एक तरह की report होती है जिसमें google बताता है कि आपकी site के कौन से page उसने index किए, कौन से index नहीं किए, और उनके कारण। इसमें यह सब जानकारी मिलती है–

  • Errors: इस भाग में google उन pages की मात्रा बताता है जो को किसी error की वजह से index नहीं कर पाया।
  • Errors but indexed: इस भाग में उन pages की मात्रा दी जाती है जिसमें कोई छोटी ग़लतियाँ होती है मगर फिर भी google ने उन pages को index कर लिया।
  • Valid pages: इस कॉलम में उन pages की मात्रा लिखी होती है जिनमें google को index करने में कोई error का सामना नहीं करना पड़ा। आपकी साइट के यह pages बिलकुल दुरुस्त हैं।
  • Excluded: इस भाग में उन pages की मात्रा दी जाती है जो google ने जान बूझ कर index नहीं किए। इनमें कोई error नहीं होता बल्कि येअप्सराएं intentionally exclude किए जाते हैं।

Sitemap

इस भाग में add sitemap वाले विकल्प में आप अपनी site का sitemap add कर सकते हैं। इसके बाद गूगल आपको बताएगा कि आपकी साइट से जुड़े कितने URL submit होने में कामयाब हुए और कितने URL Google बिना किसी परेशानी के index कर पाया। अगर आप sitemap के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं तो हमारे इस article को पढ़ सकते हैं – Sitemap क्या होता है?

Mobile Usability

आपकी साइट की कामयाबी का अनुमान लगाते समय Mobile usability आज कल के smartphone वाले ज़माने में बहुत ज़रूरी parameter होता है। इस भाग में विस्तार में समझाया जाता है कि मोबाइल users के लिए आपकी साइट visit करना कितना आसान है। इसमें से कुछ मुख्य points यह हैं–

  • User friendly pages: इस भाग में बताया जाता है कि आपकी site के कौन से pages मोबाइल पर खुलने के लिए बिलकुल दुरुस्त हैं। Users को वो pages mobile पर खोलते हुए कोई परेशानी नहीं आती।
  • Large Size Pages: इस भाग में उन pages के बारे में बताया जाता है जो mobile की छोटी screen पर display होने के लिए बहुत बड़े हैं। वह एक बारी में screen पर पूरे दिखाई नहीं देते। उन्हें scroll करके पूरा देखना पड़ता है। यह size user friendly नहीं होता।
  • छोटा font: users हो कर भी आपने ध्यान दिया होगा कि कुछ sites जो desktop पर बहुत अच्छी चलती हैं मगर उन्हें mobile पर खोलें तो उनका font size बिगड़ जाता है। वह बहुत ही छोटा हो जाता है जो users को पढ़ने में मुश्किल देता है। 

इसलिए अपनी website design करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि वह desktop users और mobile users दोनों के लिए सुविधा पूर्वक हो। क्योंकि आज के युग में यह बिलकुल आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर आपके total users में से ज़्यादा प्रतिशत users mobile द्वारा ही हों।

Links

इस भाग में आपकी साइट से जुड़े links के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके तीन मुख्य भाग हैं–

  • External links – External links हमारी वेबसाइट से बहार जाने वाले लिंक्स को कहते हैं। ये links अच्छी authority वाली websites को जाने चाहिए।
  • Internal links – Internal links हमारी वेबसाइट के अंदर ही वेबसाइट के दूसरे posts पर किये जाने वाले links को कहते हैं।
  • Top linking sites – यह वो sites की list होती है जो अपने content में हमें backlinks देते हैं। हमने शुरू वाले SEO तकनीकों वाले chapters में backlinks के बारे में समझा था। यह भी समझा था कि वो SEO के नज़रिए से कितना महत्व रखते हैं। इस भाग में आप उन sites को देख सकते हैं जो आपको link back करती हैं। यह list ज़्यादा लंबी होनी ज़रूरी नहीं है बल्कि उन sites की quality, backlinks के keywords और traffic जैसी चीजें ज़्यादा महत्व रखती हैं, इसलिए उन पर काम करें।

Settings

यह भाग तो पूरी तरह साइट के owner पर ही निर्भर करता है। आप जैसे चाहें अपनी सुविधा अनुसार search console की settings बदल सकते हैं। इस भाग में यह भी बताया जाता है कि साइट कि ownership किसके पास है। यहां पर आप अपनी ownership details update के सकते हैं। 


Search console use करने के फायदे

उपर्युक्त लिखें भागों का सारांश निकाले तो हमें search कंसोल का उपयोग करने के बहुत सारे फायदे दिखाई देंगे:

  • आप अपनी साइट के pages के indexing errors जान सकते हैं ताकि उनको सुधार सकें।
  • उन websites की list देख सकते हैं जो आपको link back करती हैं।
  • Search console द्वारा दी गई जानकारी की सहायता से आप अपनी site की mobile users के लिए सुविधा बड़ा सकते हैं।
  • आप अपनी साइट का performance analysis क सकते हैं।


Conclusion

इस tool का प्रयोग करना बहुत ही interesting और फ़ायदेमंद है। सर्च console install करके आपको आपकी site से जुड़ी हर छोटी मगर महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। इसमें दी गई जानकारी google द्वारा खुद दी जाती है इसलिए इसके according सुधार करें ताकि आपका SERP पर rank  ऊंचा हो जाए।

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9 thoughts on “Google Search Console kya hai?”

  1. hello sir hamare blog me article me keyword place kaise kare or ek Article me kitne keyword add karne chahiye
    please answer me

    Reply
    • Kitne keyword ki jagah hume Kitni “Keyword Density” rakhni hai yeh poochna chaiye.
      Keyword Density hota hai = (count of keyword/total words)*100

      Ideally, Keyword Density 1-3% honi chahiye.
      Lekin dhyan rahe ki jabardasti keyowrds add na kare.

      Reply
  2. बहुत अच्छी जानकारी दी है सर् आपने । सुक्रिया ।

    Reply

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