Sitemap क्या होता है? What is Sitemap in Website?

sitemap

यह SEO की दुनिया की एक महत्वपूर्ण term है जो एक xml page होता है जिसमें एक साइट के सारे URLs या pages की लिस्ट होती है। जैसे किताब शुरू होने से पहले उसके chapters की list को index कहा जाता है, उसी तरह साइट के सारे pages की लिस्ट को sitemap कहा जाता है।

Sitemap के प्रकार | Types of Sitemap

Sitemap के users के हिसाब से इसके तीन प्रकार होते हैं–

  • Web Designers के लिए: जो web developer आपकी site design करता है, उसके लिए sitemaps की जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। उनकी सहायता से उसको site के pages के अनु-क्रम का पता चलता है।
  • Users के लिए: users तभी किसी site पर click करते हैं जब उनको लगता है कि उस site का content उनके लिए लाभदायक होगा यदि आपकी site का content अच्छे तरीके से एक sitemap में अनु-क्रम में arranged होगा तो users को अपनी जानकारी का page ढूंढ ने में आसानी होगी। इस प्रकार के sitemaps मनुष्य द्वारा पढ़े जा सकते हैं।
  • Search engines के लिए: यह sitemaps का सबसे मुख्य प्रकार है। जब google हमारी site पर crawl करने आता है तो वो सारे pages का sara content तो नहीं पढ़ सकता। Sitemap के होने से उसको सनखेप में पता चल जाता है कि हमारे site में क्या क्या है। इस से search engine को हमारी site पर crawl करने में आसानी होती है और समय भी बच जाता है, जो SEO के नज़रिए से एक सकारात्मक point है।


Sitemaps की importance

उपर्युक्त जानकारी से हमें SEO के uses पता चले। बिना sitemaps के भी google हमारी site crawl कर के उसको इंडेक्स के सकता है मगर sitemap के होने से यह कार्य कई गुना आसान हो जाता है और SERP पर ऊँचे rank की संभावना बढ़ जाती है। Sitemaps हर प्रकार की website के लिए अलग नज़रिए से महत्व रखते हैं–

  • Vast site के लिए: जिस साइट में ज़्यादा pages होते हैं, sitemap के होने से गूगल के लिए उस साइट को crawl करते हुए मेहनत और समय दोनों बचेंगे।
  • नई websites के लिए: Sitemaps उन websites के लिए बहुत useful हैं जो अभी नई हैं और उनके पास ज़्यादा internal links और back links नहीं है। Links ना होने की वजह से google को new site discover करने में ज़्यादा समय लगता है परन्तु अच्छा sitemap हो तो search engine के लिए यह discovery आसान हो जाती है।
  • छोटी sites के लिए: जो sites छोटी हैं, जिनके ज़्यादा internal links नहीं हैं, वह crawling k३ समय गूगल की नज़र से ना हट जाएं, इसलिए sitemaps ज़रूरी हैं।


XML sitemap कैसे update करें?

Sitemap एक ऐसी चीज़ है जो समय समय पर update होनी बहुत अनिवार्य है। हर बारी जब आप अपनी site से कोई page कम करते हैं या कोई पेज add करते हैं तो साइट-मैप का उस पेज के हिसाब से update होना बहुत ज़रूरी होता है। इसलिए इसको automated तरीके से create करना एक technical काम है। नीचे दिए गए steps में आप अपना sitemap updated रख सकते हैं–

  • गूगल search console पर अपनी site खोलें
  • Left वाले menu में से sitemaps का विकल्प चुनें।
  • sitemap.xml लिख कर submit का बटन दबा दें।


Sitemaps में क्या क्या होना चाहिए?

  • By default चीजें: जब आप plugins के द्वारा xml sitemap बनाएँगे तो कुछ चीजें जैसे आप की साइट के pages, content, posts, media, tags आदि by default ही sitemap का हिस्सा बन जाती हैं।
  • Quality content वाले पेज: sitemap बनाते हुए इस बात का ध्यान रखें कि सारे pages ना include करें, सिर्फ अच्छी quality के content वाले pages ही sitemap में रखें। ताकि जब गूगल वहां से crawl करे तो उसको आपकी site का content SERP पर दिखने योग्य लगे। 
  • Sub-sitemaps: यदि आपकी साइट बड़ी है या उसमें pages की मात्रा ज़्यादा है तो गूगल को आपकी साइट पर crawl करने के लिए ज़्यादा समय लगेगा।Google के लिए यह कार्य आसान करने के लिए आप अपने sitemaps के अंदर और छोटे sitemaps बनाए, जिनको Sub-sitemaps कहते हैं। इनसे Google को processing में आसानी हो जाती है।
  • Easily accessible pages ही add करें: यह हम पिछले chapters में पढ़ चुके हैं कि google को उन sites को crawl करने में परेशानी होती है जो content ke लिए user को पहले login करने के लिए कहती हैं। Search engine एक bot है जो किसी site पर login नहीं कर सकता।
  • Duplicate content exclude करें: जिन pages पर duplicate content है, उनको sitemap में ना डालें।
  • Modification time लिखें: sitemap के अंत में modification time ज़रूर लिखें ताकि google को पता चले कि आपकी साइट आख़िरी बारी कब update हुई थी। Google updated sites को पुराने content वाली sites से ज़्यादा तरजीह देता है।
  • Videos के लिए अलग sitemap: अगर संभव हो तो content में video add करने के लिए अलग से sitemap बनाएँ ताकि google को crawling में कोई परेशानी ना हो।


Xml-Sitemap.com – tool को समझें

यह एक ऐसा tool है जो गूगल को sitemap के द्वारा आपकी सारी updates देता है। इसे अपनी site के लिए use करने के लिए इसमें अपना URL लिखें और start बटन दबाएँ। इसके बाद एक नए tab में एक लिस्ट खुल जाएगी जिसमें आपकी साइट से जुड़े सारे URLs लिखे होंगे।इस लिस्ट में तीन कॉलम होते हैं–

  • URL: इसमें आपकी साइट से जुड़ा हर संभव URL दिया होता है।
  • Last modified: यह कॉलम गूगल के लिए होता है। जैसे हमने chapter के शुरुआत में समझा था कि google के लिए यह जानकारी बहुत महत्व रखती है कि आपने अपनी site का कौन सा पेज कब update किया था।
  • Priority: इस कॉलम में बताया जाता है कि आपकी site का कौन सा page या कौन सा URL ज़्यादा तरजीह रखता है। आम तौर पर home page को सबसे ऊंची priority दी जाती है।

Conclusion

Sitemaps के बारे में सब कुछ समझने के बाद अब आप sitemap का फायदा जान गए होंगे। इसका सही लाभ उठाने के लिए अपने sitemap को अपनी site के homepage पर ही रखें ताकि जब google आपके homepage पर crawl करे तो उसकी नजर sitemap पर पड़ जाए और वो एक ही बार में आसानी से आपकी साइट के सारे URLs cover कर सके।

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4 thoughts on “Sitemap क्या होता है? What is Sitemap in Website?”

    • Sitemap submit karne me koi harz nahi hai. Unless aap ek din me multiple bar isse submit karein.
      Aur ek baar aapki website ki authority ban jaye toh sitemap submission optional ho jata hai.

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