निपात की परिभाषा – Nipat ki Paribhasha
हिंदी व्याकरण में शब्द विभेद करने पर संज्ञा, क्रिया, अव्यय और निपात निकलकर आते हैं। जिनमें से निपात शब्द भेद अन्य शब्द भेदों संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और विशेषण आदि की तरह कोई अर्थ नहीं रखते हैं लेकिन इनका प्रयोग एक शब्द, शब्द समुदाय और वाक्य को जोड़ने में होता है।
जब किसी वाक्य में कुछ अव्यय शब्द के बाद लगकर उसके अर्थ पर विशेष बल देते हैं या उस बात पर जोर देने की कोशिश करते हैं जिसे वक्ता द्वारा कहा गया है, तो वह अव्यय निपात कहलाते हैं। इन्हें वाक्यों का अवधारक भी कहा जाता है। इनका प्रयोग वाक्य में किसी बात को प्रधान रखने के लिए किया जाता है।
हालांकि निपात के लिए प्रयोग किए शब्दों का कोई विशेष अर्थ नही होता है लेकिन जब यह किसी वाक्य में प्रयोग किए जाते हैं तो यह उसके सम्पूर्ण अर्थ को बदल देते हैं या भाव सहित प्रस्तुत करने में सहायक होते हैं। इनका स्वयं का कोई लिंग, वचन आदि नहीं होता है और ना ही यह किसी वाक्य के जरूरी अंग होते हैं। वाक्य में प्रयोग होने वाले तक, मत, ही, भी, जी, नहीं, न, काश, केवल आदि अव्यय निपात के उदाहरण हैं। जैसे-
1. रमेश ने ही मुझे मारा था।
2. तुमने तो हद कर दी है।
3. आज आपके साथ मैं भी चलूंगी।
4. उसने मुझसे अभी तक बात नहीं की।
5. यह काम हम लोगों ने ही किया है।
निपात के उदाहरण – Nipat ke Udaharan
निपात मुख्यता नौ प्रकार के होते हैं-
1. स्वीकृति बोधक – हां, जी, जी हां।
प्रश्न – तुम मंदिर प्रतिदिन जाते हो?
उत्तर – जी हां।
2. नकार बोधक – जी नहीं, नहीं।
प्रश्न – क्या तुमने मेरी पुस्तक ली है?
उत्तर – नहीं।
3. निषेधात्मक – मत।
उदाहरण – तुम यहां कभी मत आना।
उदाहरण – आप आज यही रुक जाइए, कहीं मत जाइए।
4. प्रश्नबोधक – क्या।
प्रश्न – तुमने उससे क्या मांगा?
उत्तर – कुछ नहीं।
5. विस्मयादिबोधक – क्या, काश
उदाहरण – काश! हम क्रिकेट मैच जीत पाते।
उदाहरण – क्या राकेश ऑफिस के लिए निकल गया है?
6. तुलना बोधक – सा।
उदाहरण – तुम रमेश सा काम क्यों नहीं करते हो?
उदाहरण – राम सा होना कठिन है।
7. अवधारणा बोधक – ठीक, करीब, लगभग, तकरीबन
उदाहरण – आज तकरीबन 11 बजे उसकी कॉल आई।
उदाहरण – तुम ठीक समय पर स्कूल पहुंच जाना।
8. आदर बोधक – जी।
उदाहरण – गुरु जी आज विद्यालय नहीं आए थे।
उदाहरण – वर्मा जी हमारे पड़ोसी है।
9. बल प्रदायक – तो, ही, भी, तक, भर, सिर्फ, केवल।
उदाहरण – वह केवल देखने योग्य वस्तु है।
उदाहरण – तुम सिर्फ बातें ही करते रहते हो।
उदाहरण – आपकी तरह उसने मुझसे भी पैसे उधार लिए थे।
उदाहरण – वह मात्र घर का काम करती है।
उदाहरण – उसे आज तक मेरे बारे में जानकारी नहीं हुई है।
उदाहरण – उसको नहाने भर का पानी तो दे दो।
उदाहरण – हमने आज तक उसे देखा तक नहीं है।
इसके अलावा यास्क ने निपात के तीन भेद बताए हैं-
1. उपमार्थक निपात – यथा – इव, न, चित्, नु:
2. कर्मोपसंग्रहार्थक – यथा – न, आ, वा, ह:
3. पदपूरणार्थक निपात – यथा – नूनम्, खलु, हि, अथ।
इस प्रकार, निपात अव्यय किसी वाक्य में नया और उसका मुख्य रूप से वर्णन करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं।

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