Essay on Peacock in Hindi
आज हम मोर के बारे में जानेंगे। अक्सर बच्चों से परीक्षा के दौरान मोर पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में आज हम कक्षा 2 से लेकर 6 तक के बच्चों के लिए मोर पर निबंध [Essay on Peacock in Hindi] लेकर आए हैं। उम्मीद है इससे बच्चों को मोर के बारे में काफी जानकारी प्राप्त होगी।
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Essay on Peacock in Hindi for Class 2, 3
मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। यह भारत में हर जगह पाया जाता है। मोर दिखने में मुर्गे की तरह होता है। इसके सिर पर एक कलगी होती है। इसे पक्षियों का राजा भी कहा जाता है। इसके दो पैर और एक पूंछ होती है।
मोर के दोनों पैर काफी बदसूरत होते हैं। इसकी पूंछ काफी लंबी होती है। यह नीले, सफेद और हरे रंग का होता हैं। इसके शरीर पर कई सारे पंख होते हैं। जिनपर सुनहरे, नीले और हरे रंग के धब्बे होते हैं। मोर एक शर्मीला और डरपोक पक्षी है। यह पूरी दुनिया में अपने नाच के लिए जाना जाता हैं।
मोर की आंखें गहरे भूरे रंग की होती हैं। इसकी गर्दन का रंग मखमली नीला होता है। इसे नीलकंठ या नीलमोर भी कहा जाता है। मोर की आवाज काफी कठोर होती है। यह भोजन में कीड़े मकोड़े और अनाज खाता है। इनका पसंदीदा भोजन सांप होता है।
मोर शिकारियों से बचने के लिए पेड़ पर चढ़ जाया करते हैं। यह जंगलों में रहा करते हैं। मोर बारिश के मौसम में अपने सारे पंख फैलाकर नाचते हैं। यह अपनी लंबी गर्दन के कारण बहुत सुंदर दिखते हैं। मोर उड़ने वाले पक्षियों में से एक हैं। लेकिन वजन अधिक होने के कारण यह कम ही उड़ पाते हैं।
मोर के पंख घर में सजाने के काम आते हैं। मोरनी की तुलना में मोर अधिक सुंदर होते हैं। मोर की उम्र 20-30 साल होती है। इनका वजन 6 से 10 किलोग्राम तक होता है। मोर अक्सर झुंड में रहना पसंद करते हैं। इनके झुंड में 1 मोर और 3 से 4 मोरनी होती हैं।
यह भारत के अलावा नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका और पाकिस्तान आदि देशों में भी पाए जाते हैं। मोर को सोना बहुत पसंद होता है। वह जाड़ों में आधे दिन तक सोते रहते हैं। यह किसी भी खतरे को दूर से ही पहचान लेते हैं। मोर के बच्चे कत्थई रंग के होते हैं। जो अंडों में से 30 दिन के बाद ही निकल आते हैं।
मोर को धूल में खेलना काफी अच्छा लगता है। लेकिन जैसे ही इनको लगता है कि कोई इनका शिकार करने आ रहा है तो यह झाड़ियों में छिप जाया करते हैं। मोर की आंखों की रोशनी सामान्य से काफी तेज होती है। इस प्रकार मोर एक बहुत सुंदर पक्षी होता है।
Essay on Peacock in Hindi for Class 4, 5, 6
मोर अपनी सुंदरता के कारण भारत का राष्ट्रीय पक्षी कहलाता है। यह देखने में काफी मोहक और आकर्षक लगता है। इसकी बनावट मुर्गे की तरह होती है। इसके सिर पर एक कलगी होती है। जिसे इसका मुकुट कहा जाता है। मोर अपनी लंबी पूंछ और सुन्दर पंखों के कारण जाना जाता है।
मोर वैसे तो उड़ने वाला पक्षी है, लेकिन वजन अधिक होने के कारण इन्हें जमीन पर चलना अधिक पसंद होता है। मोर के पास कई सारे छोटे छोटे पंख मौजूद होते हैं। जोकि नीले, और हरे रंग के होते हैं। यह नीला, सफेद, हरा, जामुनी और धूमैला रंग का होता हैं। मोर पक्षियों में गिद्ध से बड़ा होता है।
मोरनी की तुलना में मोर ज्यादा सुंदर होता है। इसका वजन 5 से 6 किलोग्राम और आयु लगभग 25-30 साल तक होती है। मोर की लम्बाई एक मीटर होती है। इसको नीलकंठ, नील मोर, ताऊस, भुजंगभुक आदि नामों से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टटस है।
मोर के दोनों पैर काफी बदसूरत होते हैं। इनकी आंखें गहरे भूरे रंग की होती हैं। मोर 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। मोर भारत के अलावा भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में भी पाए जाते हैं। यह भारत में अधिकतर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में पाए जाते हैं। मोर का निवास स्थान जंगल है। जहां इन्हें भोजन, पानी और रहने आदि की सुविधा आसानी से मिल जाती है। यह गर्म और ठंडे दोनों ही प्रदेशों में रह सकते हैं।
मोर को खाने में सांप, कीड़े मकोड़े आदि बहुत पसंद होते हैं। यह एक चतुर पक्षी होता है। जिनके पंख होने के बाद भी इन्हें जमीन पर चलना अधिक पसंद होता है। मोर ज्यादातर 5-8 मोरों के झुंड में रहना पसंद करते हैं। वर्षा ऋतु में काले बादलों को देखकर मोर अपने पंख फैला लेते हैं।
यह अधितकर पेड़ों की शाखा पर बैठना पसंद करते हैं। मोर की सुनने और देखने की क्षमता काफी तीव्र होती है। इसलिए इन्हें किसी भी खतरे का अंदाजा पहले से ही लग जाता है। मोर के बच्चे काफी छोटे और हल्के कत्थई रंग के होते हैं।
मोरनी अक्सर उस मोर को ही पसंद करती हैं, जिसके पंख काफी सुंदर होते हैं। मोरनी साल में दो ही बार अंडे देती हैं। मोर का बच्चा एक दिन का होने पर ही खाना पीना और चलना शुरू कर देता है। मोर की चोंच करीब 195 से 225 सेंटीमीटर तक लंबी होती है। इसके पंजे काफी तेज होते हैं, जिनका प्रयोग यह अपने शिकार को मारने के लिए करता है।
इसके पंखों को घर की साज सजावट के लिए उपयोग में लाया जाता है। साथ ही इनके पंख सौभाग्य और समृद्धि के सूचक माने जाते हैं। यह काफी सकारात्मक, सामाजिक और खुश रहने वाला पक्षी है। इसको हिंदी कवि कालिदास ने राष्ट्रीय पक्षी की उपाधि दी थी। प्राचीन काल में अनेक राजा और शासकों के राज्य में मोर हुआ करते थे। जोकि शांति और सौहार्द का प्रतीक माने जाते थे।
हिंदू धर्म में मोर को काफी महत्वपूर्ण पक्षी माना गया है। मोर को भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की सवारी कहा जाता है। साथ ही भगवान श्री कृष्ण भी अपने मुकुट में मोर पंख धारण करते हैं। धार्मिक आधार पर कहा जाता है कि मोर गरुड़ पक्षी के पंख से ही उत्पन्न हुआ है।
मोर अधिकतर बारिश के मौसम को पसंद करते हैं। लेकिन यह किसी भी प्रकार के मौसम में जीवनयापन कर लेते हैं। इसके शरीर में कुल 200 पंख होते हैं। मोर कभी भी मनुष्यों के सामने नहीं नाचते हैं। उन्हें मनुष्यों से पकड़े जाने का भय रहता है। मोर की आवाज काफी तीखी और कठोर होती है।
यह धरती पर मौजूद सभी पक्षियों में सबसे सुंदर और बड़े होते हैं। किसान मोर को काफी पसंद करते हैं क्योंकि मोर उनकी फसल को कीड़े मकोड़े से बचाते हैं। मोर नकल करने में भी माहिर होते हैं। यह कभी भी अकेले नहीं रह पाते हैं। इन्हें सदा ही एक साथी की जरूरत होती है।
हालांकि वर्तमान समय में मोर की संख्या में कमी देखने को मिली है। इसी कारण भारत सरकार द्वारा मोरों के संरक्षण के लिए अधिनियम 1972 लागू किया गया और मोरों के शिकार पर कानूनी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मोर के बारे में 10 वाक्य – 10 Lines on Peacock in Hindi
- मोर भारत, म्यांमार और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है। जिसे भारत के राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा 26 जनवरी 1963 को मिला था। इसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टाटस है।
- यह एक सर्वाहारी पक्षी है। जोकि सांप, कीड़े-मकोड़े, चने, अनाज और मिर्च आदि खाता है। साथ ही यह खेतों में किसानों की फसल बचाने में सहायक है।
- इसकी आयु लगभग 25 से 30 साल होती है। मोर की लंबाई 1 मीटर से लेकर 1.5 मीटर तक होती है। साथ ही इसका वजन 4 से 6 किलोग्राम तक होता है।
- मोर के सिर पर एक कलगी होती है। जिसे इसका मुकुट माना जाता हैं। जो इसकी खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देता है।
- इसकी पूंछ में काफी सारे पंख होते हैं। यह पंख नीले, हरे और भूरे रंग के होते हैं। वर्षा ऋतु में मोर अपने सारे पंख खोलकर नृत्य करता है।
- यह सम्पूर्ण भारतवर्ष में पाया जाता है। मोर नीले, हरे, सफेद, बैंगनी और ग्रे आदि रंगों का भी होता है। और इसे पक्षियों का राजा भी कहा जाता है।
- मोर अन्य पक्षियों की तरह घोंसला बनाकर नही रहते हैं। वह जंगलों में रहा करते हैं। लेकिन भोजन की तलाश में यह आबादी के बीच पहुंच जाया करते हैं।
- नर और मादा मोर के बीच एक मुख्य अंतर होता है। जहां नर मोर की कलगी मादा नर से बड़ी होती है। और अंग्रेजी में नर मोर को peacock और मादा मोर को peahen कहते हैं। जबकि मोर और मोरनी के बच्चे peachicks कहलाते हैं।
- जब मादा मोर गर्भवती होती हैं, तब वह गड्ढों में करीब 4 से लेकर 8 अंडे देती हैं। और मोर के अंडे बड़ा होने में लगभग 25 से 30 दिन लगते है।
- हिंदू धर्म में मोर का काफी विशेष महत्व है। भगवान श्री कृष्ण के मुकुट में सदैव ही मोर पंख लगा रहता है। तो वही प्राचीन भारतीय राजाओं के शासनकाल में भी मोर काफी महत्वपूर्ण पक्षी हुआ करता था।
इस प्रकार, हमारा उपयुक्त Mor par Nibandh लेख यही समाप्त होता है। आशा करते हैं कि इससे आपको मोर के विषय में आवश्यक जानकारी प्राप्त हो गई होगी। ऐसी ही रोचक जानकारियां पाने के लिए Gurukul99 पर दुबारा आना ना भूलें।