Anekarthi Shabd
अनेकार्थी शब्द का संधि विच्छेद करने पर अनेक + अर्थ निकलकर आता है, यानि जिन शब्दों के अनेक अर्थ मौजूद होते हैं और प्रत्येक जगह उनका अलग प्रयोग होता है, वह अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं। इस प्रकार अनेकार्थी शब्दों (Anekarthi Shabd) के माध्यम से हमें शब्दों के अनेक अर्थ ज्ञात हो जाते हैं। जैसे – कनक शब्द को कई जगहों पर सोना तो कहीं धतूरा कहा गया है। सोना एक प्रकार की धातु है जबकि धतूरा जहरीला खाद्य पदार्थ है। तो चलिए Anekarthi Shabd और इनके उदहारण को पढ़ते हैं।
अनेकार्थी शब्द के उदाहरण – Anekarthi Shabd Examples

अंतर – अंतकरण, अवसर, भिन्नता, छिद्र, आकाश, अवधि
अथ – मंगलवाचक शब्द, प्रारंभ, पश्चात्
अक्षर – वर्ण, अविनाशी, ब्रह्म, सत्य
अंग – अवयव, शरीर, भाग, एक प्रदेश, देह, पार्श्व, सहायक
अंक – अध्याय, चिह्न, गोद, संस्करण, आलिंगन
अम्बर – वस्त्र, आकाश, कपास, अभ्रक, बादल
अर्थ – धन, अभिप्राय, प्रयोजन
अचल – स्थिर, पर्वत
अपवाद – निन्दा, कलंक, किसी नियम का लागू न होना
उत्तर – जवाब, एक दिशा
और – तथा, भिन्न, दूसरा, अधिक
कल – आने वाला या बीता हुआ दिन, प्रिय, चैन, मधुर स्वर
कर – हाथ, किरण, हाथी की सूंड, लगान
काम – इच्छा, वासना, कामदेव, कार्य
कंठ – किनार, स्वर, गला, कंठा
कंपति – भयभीत, चंचल, समुन्द
कंदल – सोना, कलह, कोपल
कर – सूर्य या चन्द्र की किरण, ओला, हाथी की सूंड, महसूल, हाथ, छल
कनक – गेहूं, धतूरा, सोना, पलास, खजूर
कुल – वंश, वर्ण, सारा, जाति
खचर – पक्षी, ग्रह, देवता
गुण – आचार्य, श्रेष्ठ, वृहस्पति, भारी, द्विकमात्रिक वर्
गुरु – अध्यापक, बृहस्पति, भारी, श्रेष्ठ, बड़ा
घट – शरीर, हृदय, घड़ा, कम
घन – हथौड़ा, घना, बादल, भारी
चर – जासूस, चलने वाला, खंजन, दूत, पक्षी
चला – लक्ष्मी, पृथ्वी, बिजली
चाप – परिधि का एक भाग, दबाव, धनुष
चीर – पट्टी, वस्त्र, चीरना, रेखा
जलज – मछली, कमल, शंख, सिवार, मोती, चंद्रमा
जोड़ – योग, मेल, गांठ
जड़ – अचेतन, मूर्ख, पेड़ की जड़
जवान – युवा, योद्धा, सैनिक, वीर
जीवन – प्राण, पुत्र, जल, जिंदगी, वायु
तारा – नक्षत्र, बलि की स्त्री, बृहस्पति की स्त्री, आंखों की पुतली
तात – गुरु, पिता, पूज्य, भाई, मित्र
तप – धूप, गर्मी, अग्नि, साधना
ताल – ताड़ का वृक्ष, संगीत का संकेत विशेष, तालाब
तीर – समीप, नदी का तट, बाण, किनारा
चपला – बिजली, लक्ष्मी, चंचला
दर्शन – देखना, नेत्र, आकृति, दर्पण, दर्शन शास्त्र
दाम – धन, मूल्य, रस्सी
दहर – नरक, छोटा, भाई, छछूदर, बालक, कुंड, चूहा
द्विज – ब्रह्मण, दांत, पक्षी, चंद्रमा
पद – पैर, स्थान, ओहदा
पूर्व – पहले, एक दिशा
पत्र – पत्ता, चिट्ठी, कागज पंखपय – दूध, पानी
पक्ष – पंद्रह दिन का समूह, पंख, सहायक, शुच्ल, कृष्ण पक्ष
पानी – जल, क्रांति, प्रतिष्ठा, लज्जा, चमक
प्रकृति – मूलावस्था, स्वभाव, कुदरत
प्रसाद – हर्ष, नैवेद्य, अनुग्रह
पाटी – चारपाई की पट्टी, तख्ती, पंक्ति, बालों की पाटियां, रीति
पानी – चमक, सम्मान, जल, लज्जा
पतंग – नाव, सूर्य, चंग, गेंद, पक्षी, पतंगा
परिकार – समूह, एक अलंकार, कमरबंद, चारपाई, परिवार, नौकर चाकर
पद – शब्द, छंद का चरण, पैर, चिह्न, ओहदा, गीत
पट – द्वार, पर्दा, कपड़ा, चित्र का आधार
पथ – वायु, सूर्य, जल, अवकाश, मार्ग, अग्नि
पुष्कर – आकाश, कमल, पानी, सूर्य, युद्ध, तालाब, शंकर, सांप, बाण, विष्णु
फल – शस्त्र का अग्रभाग, परिणाम, मेवा, लाभ
बलि – उपहार, बलिदान, राजा बलि
बारी – उद्यान, एक जाति, कन्या, घर, छोटी अवस्था, क्रमशः
बाल – केश, बालक, बाला, डंठल
बिम्ब – चन्द्र मंडल, सूर्य, छाया, बॉबी, घेरा
भुवन – चौदह की संख्या, जल, संसार, लोग
भास्कर – शिव, सूरज, सोना, अग्नि
मधु – शहद, शराब, मीठा, वसंत ऋतु
रस – आंनद, जल, काव्य के नौ रस, स्वाद, पारा, स्वाद के छह रस
रक्त – केसर, खून, लाल
रसाल – मीठा, ईख, रसीला, आम
राशि – धन, मेघ, समूह राशियां
लक्ष्य – निशाना, उद्देश्य
लय – स्वरों की धुन, डूबना, मिलना
लगना – क्रम से लगना, चोट पहुंचाना, व्यय होना
लाल – पुत्र, एक रंग, माणिक्य, प्यार का संबोधन
वर – श्रेष्ठ, दूल्हा, वरदान, मनोरथ
श्री – लक्ष्मी, शोभा, धन, ऐश्वर्य, मंगालवाची शब्द
वर्ण – अक्षर, रंग, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र ये चार वर्ण
बल – शक्ति, सेना, बलराम जी, सामर्थ्य
श्रावण – कान, सुनना, एक नक्षत्र, एक पितृ भक्त युवक
सिंधु – समुन्द्र, नदी, एक प्रांत
सूत – पौराणिक, बढ़ई, धागा, सारथी
हरि – विष्णु, कृष्ण, इंद्र, सूर्य, चन्द्र, घोड़ा, बंदर
इस प्रकार हिंदी व्याकरण में कई ऐसे Anekarthi Shabd मौजूद है जिनके अनेक अर्थ होते हैं और उनका प्रयोग अलग अलग होता है।
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