बोली किसे कहते हैं – परिभाषा, प्रकार, बोलियां, भाषा और बोली में अंतर | Boli in Hindi

boli in hindi

बोली के माध्यम से ही भाषाओं का विकास हुआ है। साथ ही अनेकों बोलियां मिलकर किसी एक भाषा को प्रगतिशील बनाती है। सरल शब्दों में, जब मानव अपने मन के भावों को व्यक्त करने के लिए ध्वनियों का इस्तेमाल करता है, तो उसे ही बोली कहा जाता है। जिसका प्रयोग मानव से लेकर पशु पक्षी भी करते हैं। यानि इंसानों की तरह पशु पक्षियों की भी अलग अलग बोलियां हुआ करती हैं। जिनका उच्चारण प्राय: मुख, जीभ और कंठ के द्वारा किया जाता है। जैसे- कुत्ता भौंकता है, शेर दहाड़ता है और कोयल गाती है।

साथ ही बोली को कई लोग उपभाषा और विभाषा कहकर भी संबोधित करते हैं। बोली की भाषा की भांति कोई लिपि नहीं होती है बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा प्रयोग किए जाने पर निर्भर करती है। बोली का इस्तेमाल अधिकतर एक सीमित परिपाटी के अंतर्गत ही होता है। इसे ना तो लिखा जाता है और ना ही इसका साहित्य मौजूद है। बोली को सिर्फ बोलने के उद्देश्य से प्रयोग में लाया जाता है।


बोली का अर्थ

बोली मुख्य रूप से भाषा का ही छोटा भाग होती है। जिसका प्रयोग प्रति व्यक्ति पर अलग तरीके से निर्भर करता है। साथ ही जब किसी प्रकार की बोली लिखित रूप में आ जाती है, तब वह भाषा बन जाती है। इसकी अपनी कोई लिपि नहीं होती है और इसका विस्तार केवल क्षेत्रीय सीमाओं तक स्थिर रहता है। इस प्रकार, जब कोई भाषा अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग प्रकार से प्रयोग में लाई जाती है, तो उसे बोली कहते हैं।


बोलियों के प्रकार

हमारे भारत में कुल 18 बोलियां बोली जाती हैं। जोकि पश्चिम, पूर्व, बिहार, पहाड़ और राजस्थानी इलाकों में अलग अलग प्रकार से बोली जाती हैं। जोकि निम्न प्रकार से हैं-
ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेली, कन्नौजी, बघेली, हरियाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, कुमाऊनी, मैथिली, नागपुरी, मालवी, खोरठा, भोजपुरी, हड़ौती, पंचपरगनिया, मगही आदि।


बोली, भाषा और लिपि में अंतर

जब दो व्यक्ति आपस में अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए ध्वनियों का इस्तेमाल करते हैं, तो वह बोली कहलाती है। उस ध्वनि को जब लिखित रूप में परिभाषित किया जाता है, तब वहां लिपि होती है। और जब ध्वनियों को लिपि और व्याकरण के माध्यम से मुख से उच्चारित किया जाता है, तब वहां भाषा प्रयोग में लाई जाती है। मुख्य रूप से लिपि और बोली भाषा को सृदृढ़ता प्रदान करती हैं।


इस प्रकार, आपको बोली, लिपि और भाषा में अंतर स्पष्ट हो गया होगा। ऐसे ही ज्ञानवर्धक जानकारियां पाने के लिए gurukul99 को फॉलो करना ना भूलें।


अंशिका जौहरी

मेरा नाम अंशिका जौहरी है और मैंने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है। मुझे सामाजिक चेतना से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से लिखना और बोलना पसंद है।

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