लोकप्रिय देश भक्ति गीत | Desh Bhakti Geet Lyrics in Hindi

Desh Bhakti Geet in Hindi

Desh Bhakti Geet in Hindi

आज अगर हम एक स्वतंत्र देश के नागरिक होने का लाभ उठा रहे हैं और अपने सभी मानव अधिकारों के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो इसके पीछे भारत देश का कई वर्षों का संघर्ष छुपा है। भारत तकरीबन 200 वर्षों तक मुग़ल शासन तथा अगली दो शताब्दियों तक अंग्रेज़ी शासन में रहा। भारत की समृद्धि ने इनके सिवा और भी बहुत से आक्रांताओं को अपनी ओर आकर्षित किया। परंतु इस देश को किसी के अधीन रहना स्वीकार नहीं था। अतः स्वतंत्रता के लिए अनेक युद्ध लादे गए और अनगिनत प्राणों की आहुति दी गई, और अंततः आज यह भारत देश स्वतंत्र है। इस स्वतंत्रता को हासिल करने में यहाँ के वीर सपूतों का ही योगदान है।

हम सभी को अपने देश से अत्यंत प्रेम है तथा हम गर्व से अपने आप को भारतीय कहते हैं। देश के प्रति इसी  प्रेम और श्रद्धा के भाव को हर देशवासी अलग अलग प्रकार से ज़ाहिर करता है। देश भक्ति गीत [Desh Bhakti Geet in Hindi] देश के प्रति देशवासियों की भावना को शब्द प्रदान करने के लिए एक उत्तम माध्यम हैं। देश भक्ति गीतों में कवि/ कवयित्री/ गीतकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों, सैनिकों, राजनीतिज्ञों आदि का वर्णन बहुत ही सुंदर रूप से किया जाता है।

आज के इस उल्लेख में हम एक ऐसे ही लोकप्रिय देश भक्ति गीत [Desh Bhakti Geet]के बारे में जानने का प्रयास करेंगे जिसका शीर्षक है- ऐ मेरे वतन के लोगों। यह गीत कवि प्रदीप ने लिखा था और इसे संगीत सी. रामचंद्र ने प्रदान किया था। इस गीत को स्वर्गीय श्रीमती लता मंगेशकर ने, गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में, भारत के प्राथमिक प्रधानमंत्री, श्री जवाहरलाल नेहरू के समक्ष, स्वर दिया था। इस गीत को कवि प्रदीप ने 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के सन्दर्भ में लिखा था। निम्नलिखित इस गीत के बोल दिए गए हैं।

देश भक्ति गीत हिंदी में – Desh Bhakti Geet in Hindi

Desh Bhakti Geet in Hindi
Desh Bhakti Geet in Hindi

ऐ मेरे वतन के लोगों

ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सबका
लहरा लो तिरंगा प्यारा

पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो
कुछ याद उन्हें भी कर लो…ओ
जो लौट के घर ना आये
जो लौट के घर ना आये

ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

तुम भूल ना जाओ उनको
इसलिए सुनो ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी

संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली

थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
कोई गुरखा कोई मदरासी

सरहद पर मरने वाला
सरहद पर मरने वाला
हर वीर था भारतवासी

जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के

जब अन्तसमय आया तो
जब अन्तसमय आया तो
केह गये के अब मरते हैं
खुश रेहना देश के प्यारों..
खुश रेहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
अब हम तो सफ़र करते हैं

क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

तुम भूल ना जाओ उनको
इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानीजय हिन्द.. जय हिन्द..जय हिन्द की सेना
जय हिन्द.. जय हिन्द..जय हिन्द की सेना
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द

इस गीत के माध्यम से कवि युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों को नमन करते हुए उनकी पौरुष गाथाओं का बखान करते हैं। वे भारत-चीन युद्ध की पृष्टभूमि पर इस काव्य की रचना करते हुए युद्ध के दृश्य को पाठकों तथा वक्ताओं के लिए निर्मित करने का प्रयास करते हैं। गीत में ऐसी घटनाओं का वर्णन किया गया है जब सैनिकों ने अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए देश की रक्षा को अपना परम एवं सर्वोच्च धर्म समझा। गीत के माध्यम से कवि वक्ताओं को उन सभी शहीदों और सैनिकों के बलिदान को सदैव याद रखने का निवेदन करते हैं जिन्होंने देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए अपना प्राण न्यौछावर कर दिए।

कहते हैं कि जब लता जी ने इस गीत को पंडित नेहरू के सामने गाया तब नेहरू जी आंखें भी नम हो गई थीं। युद्ध के मार्मिक दृश्य के बारे में सुन कर ही सभी उपस्थित लोग एवं दर्शक भावुक हो उठे थे। देशवासियों में देश भक्ति [Desh Bhakti Geet in Hindi] के भाव को उत्पन्न करने तथा उसे बढ़ाने के लिए गीतों का प्रयोग एक बहुत अच्छा माध्यम है जो पौराणिक काल से चला आ रहा है, और लोगों को जागरूक करने में आज भी इसका खूब प्रयोग होता है।

इसके साथ ही हमारा आर्टिकल – Desh Bhakti Geet in Hindi समाप्त होता है। आशा करते हैं कि यह आपको पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य कई लेख पढ़ने के लिए हमारी केटेगरी – Quotes को चैक करें।

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