अपने आत्मनियंत्रण में लाना चाहते हैं सुधार तो अपनाएं ये तरीके
आत्मनियंत्रण यानि खुद पर नियंत्रण रखना। जो व्यक्ति अपनी भावनाओं, इच्छाओं और व्यवहार पर नियंत्रण कर लेता है, वह जिंदगी में हर पल आने वाली चुनौतियों का सामना आसानी से करने में सक्षम हो जाता है।आत्मनियंत्रण ना केवल आपकी लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
बल्कि यह आपके चित्त को प्रसन्नचित और शांत बनाए रखने में भी मददगार है। हालांकि व्यक्ति द्वारा प्रत्येक स्थिति में खुद पर नियंत्रण बनाए रखना इतना आसान नहीं होता है। कई बार हमारे सामने परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि हम ना चाहते हुए भी आत्मनियंत्रण खो देते हैं।
ऐसे में आत्मनियंत्रण में किस तरह से सुधार लाया जा सकता है या उसको कैसे बढ़ाया जा सकता है, इससे जुड़े 10 उपायों के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं। जिनसे अवश्य ही आपको लाभ प्राप्त होगा।
सर्वप्रथम आपको आत्मनियंत्रण बनाए रखने के लिए खुद को समझना होगा। अर्थात् यदि आप स्वयं को नियंत्रित करना चाहते हैं तो आपको अपनी शक्ति और कमजोरियों का आभास अवश्य होना चाहिए। तभी आप अपने भीतर आत्मनियंत्रण की भावना विकसित कर पाएंगे।
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- ध्यान लगाएं – आत्मनियंत्रण में सुधार लाने का सबसे अच्छे तरीका है कि आप अपनी दिनचर्या में से थोड़ा समय ध्यान और योग अभ्यास के लिए अवश्य निकालें। ध्यान व्यक्ति के आत्मचिंतन को मजबूत बनाता है, जिससे कहीं ना कहीं आपके आत्मनियंत्रण को भी बल प्राप्त होता है।
ध्यान करने से व्यक्ति का दिमाग इधर-उधर ना जाकर केवल एक जगह स्थिर बना रहता है। जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है और वह अपने लक्ष्य को पाने के लिएप्रतिबद्ध हो जाता है। - छोटी-छोटी उपलब्धियों पर गौर करें – आजकल प्रत्येक व्यक्ति सफलता के उच्च शिखर को छूना चाहता है। परन्तु यह भी सत्य है कि भाग्य से अधिक किसी को नहीं मिलता है। ऐसे में अगर आपको अपने किसी साथी से कम सफलता हासिल हुई है। तो आपको वहां हताश होने की जगह खुद पर दुबारा विश्वास करके आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।
साथ ही यदि आपने जीवन में कोई लक्ष्य बना रखा है और आप उसे पाना चाहते हैं। तो उसकी शुरुआत अपनी छोटी छोटी सफलताओं का जश्न मनाने से कीजिए। क्योंकि सफलता आपको धीरे-धीरे ही हासिल होती है, ऐसे में यदि आप अपनी मेहनत के लिए खुद को पुरस्कृत करते हैं तो ये आपके आत्मनियंत्रण को बढ़ाने में सहायक होता है। - इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाएं – जो व्यक्ति दृढ़ इच्छाशक्ति रखते हैं, उनका आत्मनियंत्रण औरों की तुलना में अधिक होता है। यानि जब आप अपने जीवन में एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तब आप आने वाली हर चुनौती का सामना मजबूत इरादों के साथ करते हैं। जिससे एक ओर आपके आत्मनियंत्रण में सुधार होता है तो वहीं आप जीवन में दूसरों से अलग रवैया अपनाते हुए आगे बढ़ते हैं।
- लक्ष्य ऐसा बनाए जिसे हासिल किया जा सके – अक्सर देखा गया है कि लोग अपनी शक्ति को आधार बनाए बिना ही लक्ष्य प्राप्ति की ओर निकल पड़ते है। उनका मानना होता है कि वह ऐसा करके सबसे सर्वश्रेष्ठ हो जायेंगे लेकिन किसी कार्य के लिए आप कितने अच्छे है।
इसका जब तक आप निर्धारण नहीं कर लेते हैं, तब तक आप आत्मनियंत्रण को नही बढ़ा पाएंगे। इसलिए जीवन में हमेशा यथार्थवादी लक्ष्यों को हासिल करने पर विचार करें। अन्यथा आप यदि अपने बनाए हुए लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं, तो आप निराशा का अनुभव करने लगते हैं।
इसलिए आप एक ऐसे लक्ष्य का निर्धारण करें, जोकि आपकी क्षमता के अनुरूप हो। फिर चाहे उसे प्राप्त करने के लिए आपको कई बार असफलता का मुंह देखना पड़े, लेकिन आप इसे हासिल करने की कोशिश में ही आत्मनियंत्रण को बढ़ा सकते हैं। - अनुशासित दिनचर्या अपनाएं – देखा गया है जो व्यक्ति अपने कार्य निर्धारित समय के अंतर्गत नहीं करते हैं, वह भी अपना नियंत्रण अधिक समय तक नहीं बनाए रख पाते हैं। इसलिए जो लोग सही समय पर खाते है, पीते हैं, सोते हैं और जगते हैं। वही लोग अपनी इन्द्रियों को वश में कर पाते हैं।
मानव शरीर को नियंत्रित रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। जिसके लिए आपको नियमित और अनुशासित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। तभी आप आत्मनियंत्रण को बढ़ाने की दशा में कार्य कर सकेंगे। - आत्मसंतुष्टि है आवश्यक – भागदौड़ भरी इस जिंदगी में हर व्यक्ति किसी ना किसी चीज़ को पाने की चाह रखता है। परंतु जो व्यक्ति हमेशा कुछ ना कुछ पाने की लालसा में ही लगा रहता है, वह कभी आत्मनियंत्रण में सुधार नहीं कर पाता है। इसके विपरित जो लोग भीतर संतुष्टि और संयम का अनुभव करते हैं, वह सदैव आत्मनियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ते हैं।
आत्मसंतुष्टि के माध्यम से व्यक्ति स्वयं की इच्छाओं और अभिलाषाओं पर नियंत्रण पाने की कोशिश करता है और उसमें सफल भी होता है। जिसके चलते वह स्वयं को अंदर से संतुष्ट और आराम पहुंचाता है, जोकि आत्म नियंत्रण में सुधार लाने के लिए आवश्यक है। - कल्पनाओं से बाहर निकलें – हममें से अधिकतर लोग हमेशा कुछ नया करने का प्रयास करते हैं या उसपर विचार करते हैं। हमारा मानना यह होता है कि हम किसी कार्य को जितना हटके करते हैं उतना ही उसमें सफल होते हैं। इसके लिए आवश्यक होता है कि आप किसी कार्य को जितना हकीकत में रहकर पूरा करने की कोशिश करते हैं, आपको असली परिणाम वहीं से प्राप्त होता है।
क्योंकि यदि हम अपने लक्ष्यों को लेकर केवल कल्पनशील रहते हैं तो कभी वास्तविक रूप से सफल नहीं होते हैं। जिसका परिणाम यह होता हैं कि हम आत्मनियंत्रण खो देते हैं और केवल कल्पना में ही जीते हैं। इसलिए जीवन में वास्तविक गति को अपनाएं और कल्पना से बाहर निकलकर वास्तविक जीवन जिएं। तभी आप जीवन में आत्म नियंत्रण को बढ़ा सकते हैं। - लोगों से बातचीत करें – कभी-कभी ऐसा होता है हमें अपने किसी सवाल का जवाब नही मिलता है। जिसके लिए हमें दूसरों या ऐसे लोगों की मदद अवश्य लेनी चाहिए। जिन्हें हम अपना मानते हैं। इसलिए आत्मनियंत्रण को बनाए रखना या उसमें सुधार करने के लिए आवश्यक है कि आप दुविधा या उलझन की स्थिति में अपने परिचितों से संपर्क करें।
ताकि आपका आत्मनियंत्रण बना रहे और आप संबंधित कार्य में दूसरों का सहयोग पाकर उसे ठीक तरीके से कर पाने में सक्षम हो सके। इससे आपको प्रोत्साहन भी मिलेगा और आपके विचारों में भी मजबूती आएगी। जोकि आत्मनियंत्रण को बढ़ाने के लिए जरूरी है। - बुरी आदतों से रहें दूर – अगर आप जीवन में किसी बुरी आदत का शिकार है। तो यकीन मानिए आप कभी आत्मनियंत्रण नहीं कर सकेंगे। इसके लिए जरूरी है कि आप जितना हो सके बुरी आदतों को दूर करने का प्रयास करें। हालंकि यह एक दिन का कार्य नही है, इसलिए धीरे-धीरे ही आप इसमें विजय हासिल कर पाएंगे। इस दौरान यदि आपका मन विचलित हो, तब उस बात से दिमाग हटाकर दूसरे कार्य में लगाएं।
और ऐसा करने के बाद हमेशा खुद की अच्छी बातों पर स्वयं की तारीफ करना ना भूलें। दूसरा कभी भी खुद को नीचा समझकर दंडित करने का प्रयास ना करें। ऐसा करके ना चाहते हुए भी आप बुरी आदतों की गिरफ्त में आ जाते हैं। इसलिए व्यक्ति को हमेशा खुद की शक्ति को सकारात्मक कार्यों की ओर लगाना चाहिए तभी वह बुरी आदतों से छुटकारा पा सकेगा। साथ ही आत्म नियंत्रण की भावना को विकसित कर सकेगा। - आरामदायक स्थिति से बाहर निकलें – जो लोग जीवन में सफल होना चाहते हैं उन्हें अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना पड़ता है। अन्यथा जब कभी ऐसे लोगों पर किसी कार्य की जिम्मेदारी पड़ती है, तब वह आत्मनियंत्रण खो देते हैं। ऐसे में किसी कार्य में सफल होने के दौरान यदि आपको मेहनत करनी पड़े, तो आपको खुद को असहज स्थिति में भी कार्य करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
साथ ही किसी भी कार्य को जो आपकी क्षमता के अनुरूप है, तो उसे करते समय टालमटोली ना करते हुए केवल प्रतिबद्ध होकर उसे करें। इस तरह से भी आप आत्मनियंत्रण में सुधार ला सकते हैं।
इस प्रकार, self control पाने या उसमें सुधार करने के लिए व्यक्ति को अपने कार्य करने की शैली और असीमित विचारों दोनों पर ही ध्यान देना चाहिए तभी आप इसको पाने में सफल हो पाएंगे।
आशा करते हैं कि हमारे द्वारा “मन को नियंत्रित कैसे करें” के लिए बताए गए उपरोक्त तरीके आपको अवश्य ही पसंद आए होंगे। इसी प्रकार के प्रेरणादायक उपायों और सुझावों को पढ़ने के लिए Gurukul99 पर दुबारा आना ना भूलें।