सस्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर निबंध | Statue of Unity

statue of unity vallabhbhai patel

Article Written by – Nishi (Gurukul99 Hindi Essay Competition 19 May 2022)

प्रस्तावना

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जिसके नाम से ही प्रतीत होता है कि ये एकता और शक्ति का प्रतीक है। ये प्रतिमा सरदार पटेल के सच्चे और दृढ़ व्यक्तित्व को दर्शाता है, जो मजबूत इरादों के थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल को स्वतंत्र भारत के निर्माता के रूप में जाना जाता है। यदि ये उनके प्रयासों का ही परिणाम नहीं होता, तो आज भारत की विभिन्न रियासतें एक साथ नहीं आतीं। सरदार पटेल ने किसानों के कल्याण के लिए काम किया। सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने और देश में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए, प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस महान भारतीय नेता की एक विशाल प्रतिमा के निर्माण की घोषणा की थी। ये घोषणा 2010 में की गई थी जब श्री नरेंद्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

इस प्रतिमा की संरचना और निर्माण

सरदार पटेल को उनकी विशाल संरचना और मूर्ति के विस्तृत डिजाइन के लिए जाना जाता है। इस संरचना को बनाने में बहुत अधिक मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है। इस काम को आगे बढ़ाने के लिए कलाकारों, इतिहासकारों और वास्तुकारों की एक टीम का चयन किया गया था।

उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित सरदार पटेल की बहुत सी मूर्तियों का अध्ययन किया। आखिर में, मूर्तिकार राम वी. बढ़ई के द्वारा बताये गए डिजाइन को मंजूरी दे दी गई और इस अनूठी, विशाल मूर्ति के निर्माण के लिए जोरों शोरों से काम शुरू हो गया।


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा की प्रतिकृति कहा जाता है। बात सिर्फ इतनी है कि ये मूर्ति हर तरह से उससे बड़ी है। आधार के साथ सरदार पटेल की इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 240 मीटर है। प्रतिमा का आधार 58 मीटर का है। इस पर बनी प्रतिमा 182 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस मूर्ति की ऊंचाई ही सबसे महत्त्वपूर्ण है, जो सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। ये प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार पटेल के मजबूत व्यक्तित्व को दर्शाती है। इस मूर्ति में उन्हें धोती, और कंधों पर शॉल पहनाया गया है। उनकी इस मूर्ति का सर गर्व से उठा हुआ, उसके एक हाथ में किताब है और उन्होंने एक जोड़ी सैंडल पहनी हुई है। इस प्रतिमा की ऊंचाई का वजन और अन्य माप इस तरह से तय किए गए हैं

ताकि प्रतिकूल जलवायु या परिस्थितियों के बीच भी इसे सुरक्षित बनाए रखा जा सके। इस प्रकार से बनाई गई मूर्ति लगभग 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा का सामना भी कर सकती है। ये रिक्टर स्केल पर लगभग 6.5 तक के भूकंप का भी सामना कर सकती है।

इसको बनाने के लिए चलाया गया अभियान

तत्कालीन गुजरात सरकार द्वारा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण का समर्थन करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया था। इसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मूवमेंट का नाम दिया गया था। इस आंदोलन के जरिए गुजरात सरकार को आम जनता और सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिला।

इसने किसानों और कारीगरों से अपने पुराने और इस्तेमाल किए गए उपकरण दान करने का आग्रह किया और लोग बड़ी संख्या में उन्हें दान करने के लिए आगे आए। इस आंदोलन की मदद से वर्ष 2016 तक लोहे का आयतन 135 मीट्रिक टन तक एकत्र किया गया। इसमें से 109 टन का इस्तेमाल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की नींव रखने के लिए किया गया था।

सरदार पटेल जी की देश के प्रति भूमिका

अंग्रेजों द्वारा प्रशासन की बागडोर भारत सरकार को सौंपने के बाद से चार लोग ऐसे थे जो राष्ट्र के निर्माण की प्रक्रिया में सबसे आगे चल रहे थे। सरदार पटेल, लॉर्ड माउंटबेटन, जवाहरलाल नेहरू और वी.पी. मेनन। ये एक बहुत कठिन दौर था क्योंकि विभाजन की उथल-पुथल ने कड़वी यादें और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया था। 

इतनी बड़ी चुनौतियों और इतनी बड़ी जिम्मेदारियों के बीच, सरदार पटेल ने अपना सिर सदैव पानी के ऊपर रखा और एक राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी आवाज़ को कभी दबने नहीं दिया। वे अपने राष्ट्र निर्माण के पथ पर दृढ़ता से आगे बढ़ते रहे। क्षेत्रीय और प्रशासनिक निरंतरता और अखंडता के साथ भारत का भूगोल इस महान व्यक्ति की दूरदर्शिता और दृढ़ता के बिना संभव नहीं होता। उन्होंने भारत के निर्माण के लिए अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प का त्याग किया। इसलिए ही हम उन्हें भारत के लौह पुरुष के रूप में जानते हैं।

निष्कर्ष

आम जनता के साथ-साथ प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के समर्थन और पहल की भी सराहना की गई। पीएम मोदी इस प्रतिमा को हमारे देश के लोगों के लिए प्रेरणा और आत्मविश्वास के रूप में देखते हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जनता के लिए है। बहुत दूर-दूर से लोग बस इस विशाल इमारत का एक बार नजारा देखने गुजरात आते हैं।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इसकी लंबी और विशाल संरचना और स्थापत्य कला के लिए बाहर देशों में भी इसकी सराहना की जा रही है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने निश्चित रूप से इस परियोजना को पूरा किया है और अपने देश का गौरव बढ़ाया है।



Statue of Unity Par Nibandh (Essay -2)

Article Written by – Nanya Shukla (Gurukul99 Hindi Essay Competition 19 May 2022)

भारत वर्ष की अनुपम धरोहरों को गुजरात अपनी गोद में समेटे हुए है। इन धरोहरों में अब सरदार वल्लभभाई पटेल जी की विशाल प्रतिमा भी सम्मिलित हो गयी है। सरदार पटेल जी की जन्मभूमि गुजरात आज समस्त संसार में एकता का केंद्र बना हुआ है। भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर 2018 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी का उद्घाटन किया। सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की आधारशिला

इस प्रतिमा की आधारशिला 31 अक्टूबर, 2013 को पटेल जी की 138 वीं वर्षगांठ के समय रखी गई थी। जब नरेंद्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसके लिए भाजपा ने पूरे देश में लोहा एकत्र करने का अभियान भी चलाया गया था।

प्रतिमा की विशेषताएं

→ निर्माण में लगभग 3 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया।

  → राम वनजी सुतार जी की उपस्थिति व निगरानी में प्रतिमा का निर्माण कार्य हुआ है। राम वनजी सुतार जी भारत के एक सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। 

  → इस प्रतिमा का कुल भार 1700 टन है। प्रतिमा में कंधे की ऊंचाई 140 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फीट, चेहरे की ऊंचाई 70 फिट तथा पैर की ऊंचाई 80 फीट है। 

   → स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण कार्य में भारतीय कर्मचारियों के साथ साथ चीनी कर्मचारियों का भी योगदान रहा है। लगभग 200 चीनी कर्मचारी इस परियोजना में सम्मिलित थे।

  → सरदार वल्लभभाई पटेल जी की यह प्रतिमा अमेरिका स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी है। स्‍टैच्‍यू ऑफ लिबर्टी की लंबाई 93 मीटर है। जबकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की लंबाई 182 मीटर है।

   → स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर निर्मित है , ऊंचाई अधिक होने के कारण इसे 7 किलोमीटर की दूरी से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।

   → इस प्रतिमा के साथ साथ ही 250 एकड़ के क्षेत्र में एक मनोहर फूलों की घाटी निर्मित की गयी है। इसमें 100 से भी अधिक प्रकार के फूलों के पौधे लगाए गए हैं। 

   → यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए खासतौर पर टेंट सिटी भी निर्मित की गई है। जहाँ 250 टेंट लगाए गए हैं। अनेकों व्यवस्थों के मध्य यहाँ गुजराती और आदिवासी नृत्य तथा भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था की गयी है।

   → सरदार पटेल जी की इस प्रतिमा को आधुनिक तकनीक के उत्तम प्रयोग द्वारा निर्मित किया गया है। इसके निर्माण में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है। इस प्रतिमा में 85 फीसदी तांबे का प्रयोग किया गया है।

  → इस मूर्ति में दो लिफ्ट की भी सुविधा है, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल जी की छाती तक की ऊंचाई तक पहुंचेंगे, जहाँ से आप सरदार सरोवर बांध का अनुपम दृश्य तथा प्रकृति के सौन्दर्य का सजीव चित्रण देख सकते हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक पहुंचने के लिए पुल और नाव की सुविधा है।

   → 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी यह प्रतिमा स्थिर रहेगी। यह 6.5 तीव्रता के भूकंप से भी प्रतिमा पर कोई प्रभाव नहीं होगा।

   → इस मूर्ति में लेजर लाइटिंग की भी व्यवस्था है, जो इसकी इसकी चमक और प्रतिष्ठा रात्रि तक बनाए रखेगी

प्रतिमा दौरे का समय

प्रतिमा के देखरेख के लिए सोमवार के अतिरिक्त, सप्ताह में 6 दिन आप स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दौरे के लिए जा सकते हैं। प्रत्येक सोमवार को पर्यटकों के लिए बंद रहता है। पर्यटक इस प्रतिमा को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक देख सकेंगे। जहाँ आप वैली ऑफ फ्लॉवर, मेमोरियल, म्यूजियम, सरदार सरोवर बांध, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी साइट, स्मारक, संग्रहालय और ऑडियो-वीडियो गैलरी देख सकेंगे।

टिकट की कीमत तथा बुकिंग प्रक्रिया

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दौरे के लिए टिकट ऑनलाइन तथा ऑफलाइन किसी भी प्रकार से बुक किए जा सकते हैं। गुजरात पर्यटन विभाग ने न केवल प्रतिमा स्थल पर प्रवेश के लिए अपितु टेंट हाउस में आवास सहित पर्यटन पैकेज के लिए भी ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के प्रवेश टिकट की कीमत वयस्कों के लिए ₹ 120 और बच्चों के लिए ₹ 60 है।

करीब 400 फीट की ऊंचाई से साइट के परिवेश का अतुलनीय दृश्य देखने के लिए पर्यटकों को व्यूइंग गैलरी टिकट खरीदनी होगी, जो अवलोकन डेस्क पर प्राप्त हो जायेगी। टिकट की कीमत वयस्कों के लिए ₹ 350 और बच्चों के लिए ₹ 200 है।

इस टिकट को खरीदने वाले पर्यटकों को लिफ्ट की सहायता से मूर्ति की छाती तक ले जाया जाता है ताकि वे अनुपम दृश्य का आनंद उठा सकें। यदि आप सप्ताह के अंत में लगने वाली भीड़ से बचना चाहते हैं, तो आप प्रति व्यक्ति ₹ 1,000 की एक एक्सप्रेस टिकट खरीद सकते हैं।

पर्यटकों के लिए सुविधाएँ

पंचमुली झील के किनारे एक अनुपमा टेंट सिटी को पर्यटकों के लिए खोला गया है जोकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से 10 मिनट की ड्राइव की दूरी पर है । रिज़ॉर्ट में 2 दिन अर्थात 1 रात और 3 दिन अर्थात 2 रात दोनों के लिए यात्रा पैकेज हैं। 1 रात की पैकेज दर एसी या गैर-एसी टेंट के आधार पर ₹ 3,000 और ₹ 6,000 के मध्य अलग-अलग होती है, जबकि 2 रात की पैकेज दर ₹ 6,000 और ₹ 12,000 के बीच ट्विन-शेयरिंग आधार पर होती है।

पैकेज में भोजन, आवास, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा और कुछ सांस्कृतिक और मनोरंजन कार्यक्रम सम्मिलित होते हैं। यदि आप मूर्ति के सीने तक लिफ्ट के सहायता से जाना चाहते हैं तो आपको अलग से खरीदना होगा क्योंकि यह टिकट इन पैकेजों में शामिल नहीं है।

एकता का सन्देश

भारत की एकता और अखंडता का एक अद्भुत प्रतीक बनकर सरदार वल्लभभाई पटेल जी की इस प्रतिमा ने विश्व भर में लौह पुरुष की कीर्ति का बहुत ही उत्तम गान किया है, यह प्रतिमा साक्षी है इस बात की कि भले ही आज सरदार पटेल जी हमारे बीच नही है ,परन्तु उनके देश प्रेम और परस्पर एकता का भाव आज भी हर भारतवासी के ह्रदय में उपस्थित है।

हमारे भारत वर्ष की अमूल्य धरोहरों में यह एकता की धरोहर भी शामिल है। आशा है कि आगामी पीढ़ी भी इस भाव को समझेगी तथा सरदार वल्लभभाई पटेल जी की ही भांति देश की महिमा को समस्त विश्व में प्रकाशित करेगी।

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