विस्मयादिबोधक की परिभाषा | Vismayadibodhak ki Paribhasha – Gurukul99

vismayadibodhak

जब किसी वाक्य में ह्रदय संबंधी भावों जैसे, आश्चर्य़, सुख, दुख, घृणा आदि को प्रधानता दी जाती है, तो वहां विस्मयादिबोधक शब्दों का प्रयोग होता है। इन वाक्यों के अंत में विस्मयादिबोधक चिह्न (!) का प्रयोग होता है। यह ह्रदय से निकले भावों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं।


विस्मयादिबोधक के उदाहरण – Vismayadibodhak ke Udaharan

  1. अरे! यहां से हट जाओ।
  2. वाह! तुमने आज मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
  3. हाय! वह युद्ध में मारा गया।
  4. हे राम! यह कैसे हो गया?
  5. धिक्कार है मुझे तुम जैसे लोगों पर!

विस्मयादिबोधक के भेद – Vismayadibodhak ke Bhed

  • शोकबोधक – जिन वाक्यों में शोक और दुख का बोध होता है, वहां शोकबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण- हे राम, बाप रे बाप, उफ, आह आदि।
    • हे राम! उसके साथ बहुत बुरा हुआ।
    • ओह! तुम्हें कितनी चोट आई है।

  • तिरस्कारबोधक – जब वाक्यों में तिरस्कार संबंधी भाव का बोध होता है। तब वहां तिरस्कारबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण- धिक्कार, छी-छी, चुप, थू-थू आदि।
    • धिक्कार है! मुझे तुम्हारी समझदारी पर।
    • छी-छी! कितनी गंदी जगह है।

  • स्वीकृतिबोधक – जब वाक्य में किसी प्रकार की स्वीकृति का बोध होता है, तब वहां स्वीकृतिबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण – हां, ठीक है, अच्छा है, जी हां, बहुत अच्छा आदि।
    1. बहुत अच्छे! तुमने प्रतियोगिता जीत ली है।
    2. हां! राम ने बिल्कुल ठीक किया है।

  • विस्मयादिबोधक – जब वाक्य में विस्मयादिबोधक शब्दों का प्रयोग होता है, तो वह विस्मयादिबोधक शब्द कहलाते हैं। उदाहरण- ऐ, ओहो, वाह, क्या, अरे आदि।
    • ओह! तुम कितनी सुंदर हो।
    • क्या! वह परीक्षा में पास हो गया।

  • संबोधनबोधक – जब किसी वाक्य में संबोधनबोधक शब्द जैसे, अजी, ओ, रे, अरी आदि का प्रयोग होता है, तो वहां संबोधनबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण-
    • अजी! सुनते हो।
    • हेलो! आप सब लोग कैसे हैं?

  • हर्षबोधक – जिन वाक्यों में धन्य, अति सुंदर, शाबाश, ओह, वाह आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है, वहां हर्षबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण-
    • वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।
    • शाबाश! हम जीत गए।

  • भयबोधक – जहां भय संबंधी शब्दों जैसे, बाप रे बाप, ओह, हाय, उई मां आदि का प्रयोग होता है, वहां भयबोधक होता है। उदाहरण-
    • हाय! यह तूने क्या कर दिया।
    • ओह! तुम्हें कितनी भंयकर चोट लगी है।

  • आशीर्वादबोधक – जिन शब्दों से आशीर्वाद और वरदान आदि का बोध होता है, वह आशीर्वादबोधक कहलाते हैं। उदाहरण-
    • ईश्वर करें तुम जीवन में खूब तरक्की करो।
    • तुम दीर्घायु हो यहीं मेरी कामना है।

  • अनुमोदनबोधक – जब किसी वाक्य में अनुमोदनबोधक शब्द जैसे, हां, हां, बहुत अच्छा, अवश्य आदि आते हैं। तब वहां अनुमोदनबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण-
    • अवश्य, हम आपके घर आएंगे।
    • हां, तुम ठीक कह रहे हो।

  • विदासबोधक – जिन वाक्यों में अच्छा, टाटा, आदि शब्दों का प्रयोग होता है, तो वहां विदासबोधक होता है। उदाहरण-
    • अच्छा, अब हम फिर मिलेंगे।
    • टाटा, चलो हम जा रहे हैं।

  • विवशताबोधक – जिन शब्दों में काश, कदाचित, हे भगवान आदि शब्दों का प्रयोग होता है। वहां विवशताबोधक होता है।
    • काश तुम मेरे साथ होते।
    • हे भगवान, मेरी विनती सुन ले।

अंशिका जौहरी

मेरा नाम अंशिका जौहरी है और मैंने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है। मुझे सामाजिक चेतना से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से लिखना और बोलना पसंद है।

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