नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में हम computer kya hai के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे। इस tutorial के माध्यम से आपको कंप्यूटर, उसके विभिन्न भागों, विशेषता, उपयोगिता और कंप्यूटर से related कुछ common terms के बारे में उचित जानकारी प्राप्त होगी। तो आइये शुरू करते हैं।
विषय सूची
कंप्यूटर क्या है? | What is Computer?
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक device या मशीन है जिसमें हम high speed और accuracy के साथ data और information को store और access या फिर use कर सकते हैं। अन्य शब्दों में, Computer एक electronic machine है जोकि निर्देशक द्वारा तय किए निर्देशों के आधार पर कार्य करती है। साथ ही यह input की सहायता से data को स्वीकार करती है। फिर output के माध्यम से information प्रदान करती है।
Computer में प्रयुक्त Data किसी भी रूप का हो सकता है – word, numbers, audio, video आदि। यह एक प्रोग्राम या application का उपयोग करके store और access की भी प्रक्रिया को पूर्ण करता है। Computer मुख्यता GIGO यानि garbage in Garbage out के आधार पर कार्य संपन्न करता है।
एक उदाहरण के रूप में, Media Player एक प्रोग्राम या एक application है जिसके उपयोग से हम ऑडियो और वीडियो type के डेटा को देख या सुन सकते हैं। ठीक उसी प्रकार से, computer भी कई प्रकार के कार्यों को एक साथ निष्पादित करता है। इसका प्रयोग गणना करने वाली machine के तौर पर भी किया जाता है।

Computer Hardware और Software
Hardware और Software computer के दो प्रमुख भाग है।
1. Computer Hardware –
हार्डवेयर में कंप्यूटर सिस्टम के वह parts आते हैं जिन्हे आप physically यानि कि वास्तव में छू सकते हैं, जैसे Keyboard, mouse, CPU, monitor, printer आदि। इन्हें computer के आंतरिक भाग भी कहते है।
2. Computer Software –
सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के उन हिस्सों को कहते हैं जिन्हे आप शारीरिक रूप से स्पर्श नहीं कर सकते हैं। इनका उदाहरण है ऐसे प्रोग्राम या एप्लिकेशन जो आपके कंप्यूटर में होते हैं जिनसे हम अलग-अलग काम कर सकते हैं जैसे MS Word, Media Player, Google Chrome आदि।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को बताता है कि किस कार्य को कैसे करना है?
उदाहरण के तौर पर, internet पर जब आप कुछ search करते हैं, तब जिस web browser का आप प्रयोग कर रहे हैं, वह software है। Page के खुलते ही उसको mouse की सहायता से निर्देशित करना hardware का काम है।
Computer के parts कौन कौन से है? – Computer ke Parts ke Naam
आइये अब computer के hardware parts के बारे में जानते हैं – CPU, Keyboard, mouse, monitor, printer, etc.

CPU क्या है?
CPU central processing unit का short form है। इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है। CPU ही कंप्यूटर का वो पार्ट है जिससे सारे programs चलते हैं। इसमें मौजूद मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क computer को कार्य करने में मदद करते हैं।

Monitor क्या है?
मॉनिटर computer का वह part है जिसमे information को words, number और pictures के रूप में दिखाया जाता है। Monitor एक TV की तरह दिखता है और इसे screen भी कहते हैं। आधुनिक समय में monitor की जगह LCD और LED का प्रयोग किया जाने लगा है।

Keyboard क्या है?
कीबोर्ड एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो user को कंप्यूटर के साथ संवाद करने में help है। यह keys से बना है जो कंप्यूटर को एक संकेत भेजता है जिसे कंप्यूटर पहचानता है और चलने के लिए use करता है। की-बोर्ड के माध्यम से ही विभिन्न प्रकार के आंकड़े और निर्देश computer को दिए जाते हैं।

Mouse क्या है?
माउस कीबोर्ड के जैसा device होता है जिसका उपयोग कंप्यूटर के साथ संवाद करने के लिए किया जाता है। Users mouse से click करके computers के अलग-अलग programs को select, click और right-click कर सकते हैं।

Printer क्या है?
प्रिंटर एक ऐसा electronic-device है जिससे हम computer के माध्यम से किसी फोट या document का print एक paper पर निकाल सकते हैं। ऐसे में कागज पर प्राप्त सभी information को hardcopy कहते हैं। इसके अलावा जो information computer में ही सुरक्षित रहती है उसे softcopy कहते हैं।

Speakers क्या होते हैं?
यह computer के output device होते हैं। जिनसे ध्वनि सुनी जाती है। इनके माध्यम से हम computer में मौजूद संगीत, प्रोग्रामों आदि की आवाज को सुन सकते है।
कंप्यूटर की विशेषताएं – Advantages of Computer in Hindi
दैनिक जीवन में computer की उपयोगिता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आज चाहे education का क्षेत्र हो, medical का क्षेत्र हो, Government sector की बात करें, कंप्यूटर ने घंटों का काम मिनटों में निपटाकर इस क्षेत्र में वैज्ञानिक क्रांति ला दी है। Computer की विशेषताएं निम्न प्रकार हैं-
1. Speed – यह machine तीव्र speed से कार्य करती है। Computer में data को माइक्रो सेकंड, नैनो सेकंड, पिको सेकंड में मापा जाता है।
2. Accuracy – यह किसी भी कार्य को accuracy के माध्यम से पूर्ण करता है। इसके कार्यों
में मानव परिणामों की अपेक्षा अधिक शुद्धता पाई जाती है।
3. Versatility – यह एक बहु उद्देशीय machine है। Computer में गणना, टाइपिंग, वीडियो, ईमेल आदि कार्य किए जाते हैं।
4. Automation – यह एक स्वचालित मशीन है। जिसमें बिना इंसानी हस्तक्षेप के कार्यों को संपन्न किया जा सकता है।
5. Diligence computer – एक थकान मुक्त machine है। जो बिना रुके, थके और बोरियत महसूस किए कार्य करता है। Computer किसी भी कार्य को ध्यान, मेहनत और लगन से पूर्ण करता है।
कंप्यूटर की कमियां – Limitations of Computer in Hindi
जैसा कि आप जानते हैं कि Computer एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जोकि यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करती है। लेकिन यह भी सत्य है कि computer द्वारा कोई भी कार्य स्वयं नहीं किया जाता है। ऐसे में computer जो आधुनिक समय में संचार का लोकप्रिय साधन बन चुका है। उसकी भी अपनी कई सीमाएं होती हैं, तो आईये जानते हैं – limitations of computers के बारे में।
- Computer के पास खुद की सोचने समझने की क्षमता नहीं होती है। जिस कारण इसके द्वारा किए गए कार्य का सही और गलत दोनों ही प्रकार का परिणाम प्राप्त हो सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होने के कारण यह पूर्णतया बिजली पर निर्भर होता है। ऐसे में यदि आपके आस पास बिजली की समस्या बनी रहती है, तो आपके द्वारा इसके इस्तेमाल में कठिनाई हो सकती है।
- Computer में virus आ जाने से यह आपके जरूरी data को समाप्त कर सकता है। इतना ही नहीं, virus आपके computer को खराब भी कर सकता है।
- अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तरह computer को भी सही तरह से कार्य करने के लिए update या upgrade करना पड़ता है। इसके बिना आपका computer कभी भी ठीक ढंग से कार्य नही कर पाता है।
- यह हर तरीके से यूजर पर निर्भर होता है। यूजर चाहे तो इसका सही इस्तेमाल करे या गलत। यह पूर्णतया उसी पर निर्भर करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि computer किसी भी तरह के decision लेने में सक्षम नहीं होता है।
कंप्यूटर का इतिहास | History of computer in hindi
जैसा कि आप जानते हैं कि कंप्यूटर का आविष्कारक प्रो. चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है। जिन्होंने 1822 में पहला digital computer बनाया था। इसके बाद उन्होंने एनालिटिकल कंप्यूटर निर्मित किया।
सर्वप्रथम कंप्यूटर के आविष्कार से 3000 साल पहले abacus का प्रयोग गणना यंत्र के तौर पर किया जाता था। इसके बाद वर्ष 1617 में napier’s bones को गुणा करने हेतु प्रयोग में लाया गया। 16 सदी के अंत में slide rule के द्वारा अंकगणितीय प्रश्नों को हल किया जाने लगा। फिर 1642-44 में blaize pascal ने pascaline calaculator को बनाया।
और फिर 1823 में चार्ल्स बैबेज ने differnece engine का आविष्कार किया। साथ ही 1833 में इन्हीं के द्वारा Analytical engine की खोज की गई। जिसको ही आधुनिक कम्प्यूटर का आरंभिक युग माना जाता है।
उसके बाद hollerith census Tabulator, Harvard mark 1, ABC और electronic computer अस्तित्व में आए।
Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की पीढ़ियां
कंप्यूटर के इतिहास को पांच पीढ़ियों में बांट दिया गया। जोकि निम्न प्रकार हैं-
- Computer की पहली पीढ़ी (1940-1956) vacuum tubes – कंप्यूटर की इस पीढ़ी में 1946-56 तक के कंप्यूटरों का वर्णन किया गया है। इस दौर में कंप्यूटर हजार वैक्यूम ट्यूब की सहायता से संचालित होते थे। जिनका आकार काफी बड़ा होता था। इस दौरान जो कंप्यूटर अस्तित्व में आया। उसका नाम ENIAC था।
जिसको जे पी एकर्ट और जे डब्ल्यू मोश्ले ने बनाया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों को चलाने के लिए ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती थी। साथ ही उनमें मशीनी और असेंबली भाषा का प्रयोग किया जाता था। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में EDSAC, IBM – 650, UNIVAC, UNIVAC – 1, IBM – 700 प्रमुख थे। - दूसरी पीढ़ी (1956-1963) Transistors – इस पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर ने ले ली थी। इस पद्वति से निर्मित कंप्यूटर William shokley द्वारा तैयार किए गए थे। इन कंप्यूटरों का आकार प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों से काफी छोटा था।
साथ ही इस तकनीक के आधार पर तैयार किए गए कंप्यूटर की प्रोसेसिंग गति भी काफी तेज हो गई थी। जिस कारण यह अत्यधिक समय तक चलन में रहे। इनमें भाषा के तौर पर Algol, Snobol, fortan आदि का प्रयोग किया जाता था।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में डाटा को सुरक्षित करने के लिए magnetic tap और disk का प्रयोग भी किया जाने लगा। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में CDC 1604, CDC 3600, UNIVAC 1108, Honeywell 400 और IBM 7094 प्रमुख है। - तीसरी पीढ़ी (1964-1971) Integrated Circuits – इस पीढ़ी के दौरान बनाए गए कंप्यूटरों में integrated circuit यानि IC का प्रयोग किया गया। जिसके परिणामस्वरूप, कंप्यूटर की गति और तीव्र हो गई। कंप्यूटर की इस पीढ़ी में jack Kilby द्वारा निर्मित किए गए कंप्यूटर चलन में रहे।
अब कंप्यूटरों में opreating system का प्रयोग होने से कंप्यूटर का प्रयोग काफी सुगमता से किया जाने लगा था। और कंप्यूटर के कई सारे कार्य automatic संचालित हो गए थे। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में ICL 2903, ICL 1900, UNIVAC 1108, PDP 5 और PDP 8 प्रमुख है। - चौथी पीढ़ी (1971-1985) Microprocessors or VLSI – उपरोक्त पीढ़ी के कंप्यूटरों में IC के स्थान पर VLSI यानि very large scale integrated का प्रयोग किया जाने लगा। जिससे गणितीय गणनाएं समेत अन्य तार्किक क्षमता से जुड़े कार्य कंप्यूटर पर आसानी से किए जाने लगे।
अब कंप्यूटरों का आकार इतना छोटा हो गया था कि उन्हें टेबल पर रखकर भी संचालित किया जा सकता था। इसमें spreadsheet, database, word processing आदि का प्रयोग भी किया जाने लगा था। इसी पीढ़ी में पर्सनल कंप्यूटर और माउस का भी आविष्कार हुआ था।
साथ ही इसी पीढ़ी के दौरान C, C++ और jawa भाषाओं का प्रयोग किया गया था। जिसमें CRAY X MP, CRAY 1, STAR 1000, IBM 4341, DEC 10 आदि कंप्यूटर प्रमुख हैं। - पांचवीं पीढ़ी (1985-present) ULSIC With Artificial Intelligence – वर्तमान में जिस तरह के कंप्यूटरों का प्रयोग किया जा रहा है, या आगे भविष्य में किया जाएगा। उनको पांचवीं पीढ़ी में रखा गया है। इनमें ULSIC चिप वाले माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग शुरू हो गया है।
वर्तमान समय में ऐसा कोई क्षेत्र नही है, जहां कंप्यूटर की उपयोगिता नही है। आज चाहे वह रक्षा का क्षेत्र हो, अनुसंधान या चिकित्सा। हर जगह कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कंप्यूटर के प्रकार – Types of Computer in hindi
- Personal Computer – पर्सनल कंप्यूटर normal लोगों के लिए होता है। जिसे लोग सामान्य चीज़ों के लिए use करते हैं जैसे – internet के लिए, गाने सुनने के लिए, Games खेलने के लिए, school का काम करने के लिए आदि। Personal computers के कुछ उदहारण हैं – desktop PC, Laptops, Tablet etc.
- Workstations – वर्कस्टेशन्स ऐसे कंप्यूटर हैं जिनका प्रयोग इंजीनियरिंग कामो के लिए होता है जैसे – software development, game development, graphics designing etc. ऐसे कम्प्यूटर्स या लैपटॉप की RAM, hard-disk और graphics, normal personal computers से बेहतर होते हैं।
RAM की टाइप्स यहाँ से पढ़ें – Types of Ram in Hindi - Mainframe Computer – मेनफ्रेम कंप्यूटर को enterprise server भी कहा जाता है। इनकी configurations work-stations से भी कई ज्यादा होती है और इनका उपयोग बड़ी-बड़ी companies के server के रूप में किया जाता है।
- Supercomputer kya hai – Supercomputer का उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाता है। ये एक ही समय में कई प्रोग्राम बहुत ही high-speed और accuracy के साथ करते हैं।
FAQ – कंप्यूटर से कुछ दिलचस्प प्रश्नों
आइए अब कंप्यूटर से संबंधित कुछ दिलचस्प प्रश्नों को देखते हैं।
Ques.1. Computer ko hindi me kya kahte hai? Computer ka hindi naam kya hai?
Ans. Computer को हिंदी में संगणक कहा जाता है।
Ques.2. Computer का जनक किसे कहा जाता है?
Ans. चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक या Father of computer कहा जाता है।
Ques.3. Computer की full form क्या है?
Ans. कंप्यूटर का कोई full form नहीं है। यह अंग्रेजी शब्द ‘compute’ (कंप्यूट) से बना है जिसका अर्थ है गणना करना। फिर भी कंप्यूटर के कुछ अनौपचारिक full forms हैं जैसे – Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research.
Ques.4. RAM क्या है?
Ans. RAM की full-form है – रैंडम एक्सेस मेमोरी। यह एक उपकरण है जो आमतौर पर कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर स्थित होता है और CPU की internal memory के रूप में कार्य करता है। ज्यादा RAM होने से आप अपने computer में multiple applications पर एक साथ काम करने पर भी अच्छी speed और performance पा सकते हैं।
इसके साथ ही हमारा “Computer kya hai” का यह tutorial पूरा होता है। मुझे उम्मीद है कि अब आपको कंप्यूटर, इसके विभिन्न भागों और प्रकारों के बारे में उचित समझ मिल गई होगी। हमें किसी भी प्रश्न के मामले में टिप्पणियों में बताएं। हमें आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देने में खुशी होगी।