Motivational Stories in Hindi
कहते है डूबते को तिनके का सहारा। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन से हताश निराश हो चुका हो, या उसे जीवन में किसी ऐसी प्रेरणा की तलाश हो। जो उसे उसकी मंजिल तक ले जाए। तो हमारे समक्ष ऐसे प्रेरक प्रसंग [Motivational Stories in Hindi] मौजूद है, जिनको पढ़कर सुनकर आप उसी अनुरूप व्यवहार करते हुए जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
ऐसे में आज हम आपके लिए महान लोगों के जीवन से जुड़े पांच ऐसे प्रेरक प्रसंग [Motivational Stories in Hindi] लाए है, जो आपके पांच अलग तरह की शिक्षा प्रदान करेंगे। और आपको जीवन में सत्मार्ग की ओर ले जाएंगे।
Motivational Stories in Hindi
दान देने की महत्ता

एक बार की बात है स्वामी विवेकानन्द देश दुनिया का भ्रमण करने के बाद अपने घर लौट रहे थे। इस दौरान जब वह अमेरिका में रुके थे, तब वह अपने लिए भोजन स्वयं ही बनाते थे। एक दिन कुछ बच्चे उनसे मिलने के लिए पहुंचे, तो स्वामी विवेकानंद ने देखा कि वह बच्चे भूखे है। जिसके बाद स्वामी जी ने अपना सारा भोजन उन बच्चों में वितरित कर दिया। तो वहीं एक महिला ने जब यह देखा तो वह स्वामी जी से बोली कि आपने तो अपना सारा भोजन इन बच्चों में बांट दिया।
अब आप क्या खाएंगे? जिसके बाद स्वामी विवेकानंद जी ने उस महिला से कहा कि रोटी तो सिर्फ पेट की तृष्णा को शांत करती है। तो क्या हुआ यदि यह मेरे पेट में नहीं गई। किसी के पेट में तो चली ही गई। और ये बच्चे तो भगवान की देन है, मैं इन्हें भूखा कैसे देख सकता हूं। साथ ही उन्होंने उस महिला को कहा कि अपने विषय में सोचने से पहले दूसरों के विषय में सोचना अधिक आनंद देता है।
शिक्षा – किसी से कुछ पाने की जगह उसे देने की कोशिश करें, देखिए कितना सुकून मिलता है।
जीवन की समस्याएं

एक बार एक व्यक्ति साधु महात्मा के पास गया। जहां उसने उन्हें बताया कि वह अपने जीवन से बहुत परेशान है। कभी घर की टेंशन, कभी ऑफिस की टेंशन तो कभी खुद को लेकर मैं परेशान रहता हूं। आप मुझे ऐसा कोई उपाय बताएं जिससे मेरे जीवन की सभी समस्याओं का अंत हो जाए। जिस पर बाबा ने मुस्कुराते हुए उस व्यक्ति से कहा कि तुम कल मेरे पास आना।
लेकिन आज जाते जाते मेरा एक काम करना। कि मेरे काफिले में सौ ऊंट है। तुम आज रात उनकी देखभाल करो। और जब वो सभी बैठ जाएं तो तुम सो जाना। जिस पर उस व्यक्ति ने बाबा की बात मानकर वैसा ही किया। और जब बाबा ने सुबह उससे पूछा बेटा। तुम्हारी रात कैसी कटी, जिस पर उसने कहा बाबा। मैं पूरी रात सो ही नहीं पाया। कभी कोई ऊंट खड़ा हो जाता तो कभी कोई।
जिस पर बाबा ने उस व्यक्ति की बात सुनकर उसे जवाब दिया। कि कल रात तुमने यह तो समझ लिया होगा कि तुम जितना चाहे कोशिश कर लो। सारे ऊंटों को बैठा नहीं पाओगे। कभी कोई खड़ा हो जाएगा, तो कभी कोई। बाबा के इतना कहते ही उस व्यक्ति ने पूछा बाबा फिर मैं ऐसा क्या करूं। जिससे यह सब बैठ जाए।
बाबा ने कहा बेटा तुम्हें ऊंट को नहीं बैठाना है। बल्कि यह समझना है कि जब तक तुम्हारा जीवन है। तो कोई ना कोई समस्या तो आती रहेंगी। तुम एक से निपटोगे दूसरी में उलझ जाओगे। इससे अच्छा समस्याओं के साथ आनंदित होकर जीना सीखो। क्यूंकि जैसे तुमने कल रात कुछ ऊंटों को खुद बैठाने का प्रयास किया होगा। तो वहीं कुछ खुद ही बैठ गए होंगे।
लेकिन कुछ तुम्हारे बैठाने के बावजूद भी नहीं बैठे। इसी प्रकार में जीवन में कुछ समस्याएं खुद ही खत्म हो जाती हैं, तो कुछ तुम्हारे प्रयास के बावजूद दूर नहीं होती। ऐसे में जीवन में आने वाली समस्याओं को समय पर छोड़ देना चाहिए। नाकि व्यर्थ ही उनके विषय में सोच सोच कर अपने वर्तमान को खराब करना चाहिए।
शिक्षा – जीवन में समस्याएं तो आती जाती रहेंगी, लेकिन जरूरी नहीं आप दिन रात उनके विषय में ही सोचें।
सफलता का सुख

एक बार एक किसान था। जिसकी फसल कभी बाढ़, कभी सूखा तो कभी ओलो की वजह से खराब हो जाया करती थी। ऐसे में उसने एक बार नाराज होकर परमात्मा से कहा कि आपको फसल के रख रखाव की कोई जानकारी नहीं हैं। मुझे एक साल दीजिए जिसमें मैं जैसा चाहूं मौसम दीजिए और तब देखिएगा कि कैसे मैं अन्न का भंडार भर दूंगा। जिस पर भगवान ने उसकी बात मानकर उससे कहा ठीक है तुम जैसा मौसम चाहो वैसा मांग लेना। मैं दखल नहीं दूंगा।
जिस पर किसान ने अपने खेत में गेहूं की फसल बोई। और मन चाहे कभी उसे पानी दे दिया। कभी धूप दिखा दी। इतना ही नहीं उसने ओले, बाढ़ और आंधी तो अपने खेत में आने ही नहीं दी। और जब फसल के कटने का समय आया तो किसान को गेहूं की बाली के अंदर एक भी गेहूं नहीं मिला।
जिस पर किसान ने दुखी होकर परमात्मा से पूछा क्या हुआ प्रभु। भगवान ने कहा कि तुमने फसल को संघर्ष का एक भी मौका नहीं दिया। ना तो उन्हें धूप में तपने दिया और ना ही ओलो व आंधी से लड़ने दिया। क्योंकि जब पौधा संघर्ष करता है वह तभी बल प्राप्त करता है, और तभी उसे ऊर्जा मिलती है। ठीक उसी प्रकार से जैसे सोने को भी निखरने के लिए आग में तपना पड़ता है और कठोर प्रहार झेलना पड़ता है। उसी तरह से यदि जीवन में संघर्ष ना हो तो व्यक्ति का जीवन खोखला रह जाता है। और यदि उसे प्रतिभावान बनना है तो उसे संघर्षों से गुजरना पड़ेगा।
शिक्षा – यदि आपको जीवन में सफलता प्राप्त करनी हैं, तो संघर्षों और कठिनाइयों का सामना तो करना पड़ेगा।
जो मिला है वो श्रेष्ठ है

एक बार एक अंधा व्यक्ति सड़क किनारे खड़े होकर भीख मांग रहा था। कि तभी वहां से एक अमीर व्यक्ति गुजरा। जिसने उस अंधे व्यक्ति की दयनीय स्थिति को देखते हुए उसे सौ रुपए का नोट थमा दिया। लेकिन उस अंधे भिखारी ने नोट को छूकर देखा। तो उसे लगा कि उसके साथ किसी ने मजाक किया है। क्यूंकि उसे आज तक भीख में 5 रुपए का ही नोट मिला था। और यह सौ का नोट पांच के नोट से कहीं अधिक बड़ा था। जिस पर अंधे भिखारी को लगा कि किसी ने उसके हाथ में कागज का टुकड़ा पकड़ा दिया है।
और उसने निराश होते हुए सौ के नोट को कागज समझकर फेंक दिया। लेकिन पास में खड़े एक सज्जन व्यक्ति ने उस भिखारी को बताया कि यह सौ का नोट है। जिसे सुनते ही भिखारी फूले नहीं समाया और सौ का नोट पाकर बहुत ही खुश हुआ। ऐसे में हमें यह समझना होगा कि हम खुद को साधनहीन मानते हुए जो पास होता है, उसे भी खो देते हैं। इसलिए जो नहीं मिला उसके बारे में शिकायत करने से अच्छा जो है, उसका सदुपयोग करें।
शिक्षा – आपके पास जो नहीं है उसे सोचकर परेशान होने से अच्छा है, जो है उसके महत्व को समझें।
परेशानियों का डटकर सामना करें

एक बार एक भिखारी ने भीख मांगने के लिए किसी के घर का दरवाजा खटखटाया। तो वह मौजूद एक व्यक्ति ने दरवाजा खोला। लेकिन उसकी जेब में उस भिखारी को देने के लिए कुछ नहीं था, तो उसने घर में रखा एक गिलास उठाकर भिखारी को दे दिया। जिसके बाद उक्त व्यक्ति की पत्नी ने आकर उन्हें बताया कि यह जो गिलास आपने भिखारी को दे दिया, वह चांदी का था।
जाओ उस भिखारी के पास दौड़कर और उससे गिलास वापस ले आओ। ऐसे में वह व्यक्ति भिखारी के पास भागकर गया। और उससे बोला कि यह गिलास चांदी का है, इसे सस्ते में मत बेचना। यह सुनते ही उक्त व्यक्ति के दोस्त ने उससे पूछा कि जब तुम जानते थे यह गिलास चांदी का है। तो तुमने उस भिखारी को क्यों ले जाने दिया। जिस पर उस सज्जन व्यक्ति ने कहा मैंने अपने मन को यह बात समझाई कि कितनी भी बड़ी मुसीबत आ जाए, या हानि हो जाए। कभी भी दुखी और निराश नहीं होना चाहिए।
शिक्षा – जीवन में कितनी ही परेशानियां क्यों ना आएं, कभी खुद को हताश ना होने दें।
इसके साथ ही हमारा आर्टिकल – Motivational Stories in Hindi समाप्त होता है। आशा करते हैं कि आपको यह पसंद आया होगा। इसी प्रकार की अन्य प्रेरक कहानियों को पढ़ने के लिए दुबारा हमारी वेबसाइट पर विजिट कीजिएगा। धन्यवाद!
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