Sangya Kise Kahate Hain – Sangya in Hindi Grammar

Sangya

Sangya in Hindi Grammar

हिंदी व्याकरण के अनुसार जब दो या दो से अधिक वर्णों को मिलाकर एक स्वतंत्र ध्वनि का निर्माण किया जाता है तो उसे शब्द कहते हैं। जोकि सार्थक और निरर्थक दो प्रकार के होते हैं। साथ ही शब्द भेद के अंतर्गत संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, क्रिया विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चय बोधक, विस्मयादिबोधक इत्यादि आते हैं। तो चलिए आज हम सबसे पहले चर्चा करते हैं कि संज्ञा किसे कहते हैं और इसके कितने भेद होते हैं।


संज्ञा की परिभाषा – Sangya kise kehte hain

Sangya in Hindi
Sangya in Hindi

आसान भाषा में, किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि के बारे में जानकारी देने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं। अर्थात् किसी व्यक्ति विशेष, जगह, भाव इत्यादि के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें संज्ञा कहते है।

साथ ही जिन शब्दों से किसी प्राणी, वस्तु और स्थान का बोध होता है उसे संज्ञा की श्रेणी में रखा जाता है।  इसके उदाहरण निम्न है – सीता, जयपुर, रमेश, कुत्ता, अमरूद, मोर, दिल्ली, घोड़ा, ताजमहल, कुतुबमीनार, गाड़ी, रेडियो, अनार, आम, वीरता आदि।


संज्ञा के भेद – Types of Sangya in Hindi Grammar

Sangya in Hindi Grammar
Sangya in Hindi Grammar

संज्ञा के मुख्यता पांच प्रकार होते हैं-

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 

जिन शब्दों में विशेष रूप से किसी व्यक्ति के नाम का वर्णन किया जाता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा की श्रेणी में रखते हैं।

उदाहरण – राकेश, सुरेश, शालिनी, सीता, मोहन, आकाश, सुमित्रा, हरि, कैलाश, पुष्पा, लाल किला, भारत, जापान, पाकिस्तान, उत्तर, दक्षिण, गंगा, ब्रह्मपुत्र, अशोक मार्ग,  सोमवार आदि।

2. जातिवाचक संज्ञा 

जिन शब्दों से एक ही जाति से जुड़े लोगों का बोध होता है, उसे जाति वाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण – लड़का, लड़की, पुरुष, स्त्री, जानवर, पक्षी, नदी, पहाड़, बाज़ार, गली, सड़क, फर्नीचर, वस्तु आदि।

3. भाववाचक संज्ञा 

Sangya in Hindi Grammar
Sangya in Hindi Grammar

जिन शब्दों से मानव के गुण, क्रिया और भावना के बारे में ज्ञात होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण – उत्साह, ईमानदारी, बचपन, वीरता, गरीबी, आज़ादी, खुशी, साहस, ईमानदारी, दुख आदि।

4. द्रव्यवाचक संज्ञा 

जिन शब्दों से द्रव्य, धातु, पदार्थ और सामग्री के बारे में जानकारी मिले उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा की श्रेणी में रखते हैं।

उदाहरण – चावल, सोना, चांदी, हीरा, गेहूं, दूध, गन्ना, ऊन, घी, लोहा आदि।

5. समूहवाचक संज्ञा 

जिन शब्दों के माध्यम से व्यक्ति को समूह के रूप में संबोधित किया जाए, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण – पुस्तकालय, पुलिस, सेना, दल, समिति, आयोग, परिवार, गण आदि।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जिन शब्दों में किसी व्यक्ति की दशा, रूप, गुण, दोष, धर्म, जाति, समूह, अवस्था, भाव, परिचय का बोध होता है, ऐसे शब्द संज्ञा (Sangya in Hindi Grammar) कहलाते हैं। जोकि किसी वाक्य में सर्वप्रथम पाए जाते हैं।

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अंशिका जौहरी

मेरा नाम अंशिका जौहरी है और मैंने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है। मुझे सामाजिक चेतना से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से लिखना और बोलना पसंद है।

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