Buddha Quotes in Hindi | गौतम बुद्ध के विचार

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483 ईसा पूर्व भारत और नेपाल के सीमा पर एक राजकुमार ने जन्म लिया। यह राजकुमार कोई और नहीं ब्लकि सिद्धार्थ थे जो आगे चलकर महात्मा बुद्ध (gautam buddha) हुए। उन्होंने निर्वाण की प्राप्ति के लिए कठोर तप किया एवं अपने शिष्यों को दीक्षा प्रदान की। राजकुमार सिद्धार्थ का जन्म एक हिंदू राजघराने में राजा शुद्धोधन और रानी महामाया के परिवार में, कपिलवस्तु में हुआ, जो सब नेपाल में स्थित है।

उनके जन्म के उपलक्ष में राजा शुद्धोधन द्वारा चौसठ पंडितों को आमंत्रित किया गया जिन्होंने यह बताय कि अगर राजकुमार महल में रहे तो संपूर्ण विश्व पर राज करने योग्य राजा बनेंगे परंतु अगर वे महल से बाहर रहे तो अपने आप पर विजय पाकर निर्वाण प्राप्त करेंगे, और ऐसा ही हुआ। उन्होंने अपने ताप से प्रबोधन पाकर बौद्ध धर्म की स्थापना की।

इसी बौद्ध धर्म को अपना कर सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के पश्चात हिंसा का त्याग किया। एक भारतीय राजकुमार द्वारा स्थापित बौद्ध धर्म एवं महात्मा बुद्ध के उपदेश आज दुनिया भर में प्रचलित हैं। पाठकों हेतु निम्नलिखित महात्मा बुद्ध के कुछ उपदेश (Buddha Quotes) हैं जो जीवन के वास्तविक अर्थ को समझने में अत्यंत सहायक माने गए हैं।

Bodhidharma History | बोधिधर्म का इतिहास और जीवन परिचय

Gautam Buddha Quotes in Hindi

  1. जिस व्यक्ति का मन शांत होता है, जो व्यक्ति बोलते और अपना काम करते समय शांत रहता है, वह वही व्यक्ति होता है जिसने सच को हासिल कर लिया है और जो दुःख-तकलीफों से मुक्त हो चुका है। 
  2. जो व्यक्ति अपना जीवन को समझदारी से जीता है उसे मृत्यु से भी डर नहीं लगता। 
  3. अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है। वह ज्ञान में नहीं, आकार में बढ़ता है। 
  4. क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं। 
  5. एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लम्बी लगती है, एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल बड़ी दूर नजर आती है। इसी तरह सच्चे धर्म से बेखबर मूर्खों के लिए जीवन-मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा होता है। 
  6. अतीत में ध्यान केन्द्रित नहीं करना, ना ही भविष्य के लिए सपना देखना, बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में केंद्रित करना। 
  7. जिस प्रकार लापरवाह रहने पर घास जैसी नरम चीज की धार भी हाथ को घायल कर देती  है, उसी तरह से धर्म के वास्तविक स्वरूप को पहचानने में हुई गलती आपको नर्क के दरवाजे पर पहुंचा सकती है। 
  8. बुराई अवश्य रहना चाहिए, तभी तो अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है। 
  9. अच्छे स्वास्थ्य में शरीर रखना एक कर्तव्य है, अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और साफ रखने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
  10. जिस तरह से आकाश में मिट्टी उछालने पर वह मुंह पर ही गिरती है उसी तरह से मूर्ख व्यक्ति जब अच्छे लोगों के साथ बुरा करने की कोशिश करते हैं, तो उनका खुद का ही बुरा होता है।
  11. हमेशा याद रखें कि बुरा कार्य अपने मन में बोझ रखने के समान है।
  12. वह व्यक्ति जो 50 लोगों से प्यार करता है उसके पास खुश होने के लिए 50 कारण होते हैं। जो किसी से प्यार नहीं करता उसके पास खुश रहने का कोई कारण नहीं होता।
  13. जिस काम को करने में वर्तमान में तो दर्द हो लेकिन भविष्य में खुशी, उसे करने के लिए काफी अभ्यास की जरूरत होती है।
  14. ज्ञान ध्यान से पैदा होता है और ध्यान के बिना ज्ञान खो जाता है। इसलिए ज्ञान की प्राप्ति और हानि के इस दुगुने मार्ग को जानकर, व्यक्ति को खुद को इस तरह से साधना चाहिए ताकि ज्ञान में वृद्धि हो।
  15. दूसरे लोगों के दोषों को ना देखें ना ही उनकी गलतियों को, इसके बजाय अपने खुद के कर्मों को देखें कि आप क्या कर चुके हैं और क्या करना अभी बाकी है।
  16. अकेलापन ऐसे व्यक्ति को खुशी देता है जो कि संतोषी है जिसने धर्म के बारे में सुना है और उसे साफ तौर पर देखा है।
  17. कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलने से कुछ नहीं सीख पाता। समझदार व्यक्ति वही कहलाता है, जो धीरज रखने वाला, क्रोधित न होने वाला और निडर होता है।
  18. उदार हृदय, दयालु वाणी, और सेवा व करुणा का जीवन वे बातें हैं जो मानवता का नवीनीकरण करती हैं। 
  19. शक की आदत सबसे खतरनाक है। शक लोगों को अलग कर देता है। यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बरबाद कर देता है। 
  20. मन सभी मानसिक अवस्थाओं से ऊपर होता है।
  21. तीन चीजें लंबे समय तक छिप नहीं सकतीं: सूर्य, चंद्रमा और सत्य।
  22. शब्दों के भीतर नष्ट करने और स्वस्थ करने दोनों ही शक्तियां होती हैं। जब शब्द सच्चे और दयालु होते हैं तो वे हमारे जीवन को बदल सकते हैं।
  23. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, वैसे ही मनुष्य भी बिना आध्यात्मिक जीवन के नहीं जी सकता। 
  24. असली खुशी सब कुछ प्राप्त करने में नहीं है, सब कुछ दे देने में है।
  25. मन सब कुछ है, तुम जैसा सोचते हो, वैसा ही बनते हो। 
  26. जिस तरह से तूफ़ान एक मजबूत पत्थर को हिला नहीं पाता, उसी तरह से महान व्यक्ति, तारीफ़ या आलोचना से प्रभावित नहीं होते। 
  27. आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करने लगते हैं। 
  28. आपका शरीर अनमोल है। यह जाग्रत होने के लिए हमारा वाहन है। इसका ध्यान रखें। 
  29. विचलित मन वाले व्यक्ति को मौत उसी तरह से बहा कर ले जाती है, जिस तरह से अचानक आई बाढ़ में गांव के सोते हुए लोग बह जाते हैं। 
  30. सच्चा प्यार समझदारी से ही पैदा होता है। 
  31. हर दिन नया दिन होता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीता हुआ कल कितना मुश्किल था। आप हमेशा एक नई शुरुआत कर सकते हैं।
  32. एक विचारहीन मनुष्य की प्यास अमर बेल की तरह बढ़ती है। वह एक जीवन से दुसरे जीवन की तरफ उसी तरह से भागता है जैसे जंगल में एक बंदर फलों के लिए एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर भागता रहता है। 
  33. इंसान को एक बंधन मुक्त मन का निर्माण करना चाहिए जो ऊपर और नीचे और चारों ओर फैला हुआ हो, वह भी बिना किसी बाधा के, बिना किसी दुश्मन के, बिना किसी बदले की भावना के।
  34. अगर आप उन चीजों की कद्र नहीं करते जो आपके पास हैं, तो फिर आपको खुशी कभी भी नहीं मिलेगी।

गौतम बुद्ध के अस्सी वर्षीय जीवन और इस काल में उनके द्वारा अपने शिष्यों को दिए गए सभी उपदेशों को इस छोटे से उल्लेख में पिरोना असंभव है। परंतु महात्मा बुद्ध (buddha) के कई विचारों का वर्णन यहाँ यहाँ किया गया है जिन्हें पढ़कर पाठकों को जीवन के अर्थ जानने में सहायता होगी।

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image source: postoast

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