प्रस्तावना
मनुष्य की बुद्धि का पार किसने पाया है? प्रारंभ से ही मनुष्य अपने जीवन को सुखी और आनंदमय बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहा है। आज हमें जो सौ सौ सुख सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं वे मनुष्य की बुद्धि का ही परिणाम है। आज मनुष्य इतने सुख पा रहा है कि पृथ्वी पर स्वर्ग की कल्पना साकार हो गई है। विज्ञान के नित्य नवीन अविष्कारों से मानव ने जिस उन्नति को प्राप्त किया है उसे देखकर आश्चर्य होता है। मनोरंजन और ज्ञान के अनेक साधनों का आविष्कार भी विज्ञान की ही देन है। मनोरंजन के अनेक साधनों में रेडियो भी एक प्रमुख साधन है।
रेडियो का आविष्कार
वैज्ञानिक युग के महान् आविष्कार वायरलेस और रेडियो के आविष्कार का श्रेय इंग्लैंड के प्रसिद्ध वैज्ञानिक मारकोनी को जाता है। इसके लिए बड़े बड़े नगरों में ध्वनि को फ़ैलाने वाले केंद्र स्थापित किए जाते हैं। जहां से बिजली के माध्यम से नाना प्रकार के संगीत, वाद्य, समाचार आदि को ध्वनि प्रसारक यंत्र द्वारा आकाश में फैलाया जाता है। आकाश में फैली हुई ध्वनि तरंगों को घरों में लगा रेडियो सेट पकड़ लेता है।
जिसके चलते आज हम इच्छानुसार किसी भी स्थान का कार्यक्रम एक ही रेडियो पर सुन सकते हैं। उसका कारण यह है कि रेडियो में ऐसे बल्ब लगे होते हैं, जो जिस मीटर पर जो कार्यक्रम होता है, उसे उसी संख्या के अनुसार प्रसारित कर सकते हैं। इसी प्रकार कुछ रेडियो जो निश्चित स्थानों के हैं उनसे केवल उन्हीं स्थान के कार्यक्रम ही सुने जा सकते है और कुछ रेडियो विश्व के किसी भी स्थान पर होने वाले कार्यक्रम को सुना सकते हैं।
रेडियो के लाभ
रेडियो के आविष्कार द्वारा आज विश्व के सुदूरवर्ती राष्ट्र एक दूसरे के इतने समीप आ गए हैं कि एक दूसरे के दुख सुख में अपना हर्ष और विषाद प्रकट कर सकते हैं। विश्व बंधुत्व और सामाजिक एकता की माला में राष्ट्र को पिरो देना रेडियो की ही देन है। ऐसे में भारत में गांधी जी की और अमेरिका में राष्ट्रपति कैनेडी की हत्या हुई और उसी क्षण समस्त विश्व की आंखों में आंसू झलक आए।
ईरान में खुमैनी का कट्टर सांप्रदायिक शासन नित्य पचास लोगों को गोली मार रहा है, अफगानिस्तान में रूसी फौज उतर गई है, पोलैंड में आपातकाल की घोषणा हो गई है, रूस में सरवारोत ने अनशन कर दिया है आदि समाचारों को इतनी शीघ्रता से विश्व में प्रचारित करने का एकमात्र साधन रेडियो ही है। साथ ही रेडियो ज्ञानवर्धक, मनोरंजन और नवीनतम समाचारों को जानने का श्रेष्ठ साधन है।
दिन भर परिश्रम करके कोई व्यक्ति शारीरिक और मानसिक थकान अनुभव करता है, सहसा उसके कानों में जब रेडियो से प्रसारित कोई मधुर गीत पड़ता है तो उसकी सारी थकान दूर हो जाती है। उसका जीवन सरस और मधुर हो जाता है। रेडियो से गीत, नाटक, प्रहसन, आलोचना, कहानी, समाचार सभी प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।
इतना ही नहीं महिलाओं, बच्चों, युवकों तथा सामाजिक और राष्ट्रीय पर्वों संबंधी कार्यक्रम भी इससे प्रसारित होते हैं। भारत और विभिन्न देशों में होने वाले हॉकी और क्रिकेट के मैचों का आंखों देखा हाल खेल प्रेमी बड़े चाव से रेडियो से ही सुनते हैं। व्यापारिक विज्ञापन का रेडियो भी आज साधन बन चुका है। इससे एक ओर मनोरंजन और ज्ञान वृद्धि होती है तो दूसरी ओर कला का प्रसार और विकास भी होता है।
रेडियो का भविष्य
आज रेडियो ना केवल सरकारी बल्कि प्राइवेट की और भी रुख कर चुका है। ऐसे में बड़े बड़े महानगरों में भी रेडियो अक्सर सुनने को मिल जाता है। जिसके कारण आज कम्युनिटी रेडियो की शुरुआत हुई है, जोकि क्षेत्रीय भाषाओं में खबरों और मनोरंजन का प्रचार प्रसार करते हैं।
आज भी बहुत सारे घरों में दिन की शुरुआत रेडियो सुनकर होती है। ऐसे में हम कह सकते है कि रेडियो का आने वाला भविष्य सुरक्षित है और यह देश की विविधता के साथ साथ एकता की भावना में भी वृद्धि का स्रोत है। साथ ही देश विदेश की घटनाओं का लेखा जोखा सभी देशों को शीघ्रता से प्राप्त हो जाता है।
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