आज के वर्तमान समय में कंप्यूटर की उपयोगिता को कौन नहीं पहचानता है। हर क्षेत्र में चाहे वो दुकान हो, अस्पताल हो, या विद्यालय आदि हो सभी में कंप्यूटर के बगैर कोई कार्य संभव नहीं रह गया है।
ऐसे में कंप्यूटर के विषय में जानना उसके इतिहास के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है कि कैसे कंप्यूटर हमारे जीवन पर अपना प्रभाव छोड़ता है। कैसे ये हमारे रोजमर्रा के कार्यों में हमारी मदद कर रहा है।
कंप्यूटर एक मशीन है डिस्प्ले मॉनिटर है, कीबोर्ड, माउस, और सीपीयू ये सभी इसके अभिन्न अंग हैं। ये एक ऐसी मशीन है जो कि छोटी से छोटी लेकर बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन तक कर सकता है।
बड़ी-बड़ी कैलकुलेशन करने में ये मशीन हमारी मदद करती है। ये बात हम सभी जानते हैं कि मनुष्य के लिए गणना करना शुरुआत से ही कठिन रहा है। मानव बिना किसी मशीन के केवल एक स्तर तक ही कैलकुलेशन कर सकता है।
अधिक बड़ी कैलकुलेशन करने के लिए मानव मशीन पर ही निर्भर करते हैं। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए ही मनुष्य ने कंप्यूटर का निर्माण किया।
विषय सूची
कंप्यूटर की उत्पत्ति
कंप्यूटर इस शब्द की उत्पत्ति कंप्यूट शब्द से हुई है। ये कंप्यूट शब्द लैटिन भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है, गणना करना। चार्ल्स बैबेज के कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। इनका जन्म लंदन में हुआ था।
कंप्यूटर के तकनीकी शब्द प्राचीन ग्रीक भाषा और लैटिन भाषा पर आधारित हैं। इसीलिए कंप्यूटर शब्द के लिए जो कि एक ऐसी मशीन जो गणना करती है, उसके लिए लैटिन भाषा के कंप्यूट शब्द को लिया गया।
कंप्यूटर की परिभाषा

जैसा कि हम जानते हैं कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के कंप्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ गणना करना होता है। कंप्यूटर का आविष्कार भी पहले केवल गणना करने के लिए ही किया गया था। ताकि ये शीघ्रता से अर्थमैटिक ऑपरेशंस को अंजाम दे सके।
इसी कारण से कंप्यूटर को गणक या संगणक भी कहते हैं। पुराने समय में इसका इस्तेमाल केवल गणना करने के लिए ही किया जाता था परंतु आज वर्तमान समय में इसका इस्तेमाल कई अन्य क्षेत्रों में विभिन्न विभिन्न कार्य में किया जाता है।
आजकल इसका इस्तेमाल डॉक्यूमेंट बनाने, गेम खेलने, प्रेजेंटेशन तैयार करने, ऑडियो और वीडियो देखने तथा सुनने में, ईमेल बनाने में, डेटाबेस तैयार करने में, आदि के साथ-साथ अन्य कई कार्यों में भी किया जाता है।
एक कंप्यूटर को ठीक तरह से कार्य करने के लिए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों की आवश्यकता होती है। ये दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। बिना हार्डवेयर के सॉफ्टवेयर का कोई कार्य नहीं है और बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर बेकार है।
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर को कमांड दी जाती है। किसी हार्डवेयर को किस तरह से कार्य करना है उसकी जानकारी सॉफ्टवेयर के अंदर पहले से ही डाली जाती है। कंप्यूटर के सीपीयू से कई तरह के हार्डवेयर जुड़े रहते हैं।
इन सभी के बीच तालमेल बनाकर रखने के लिए और कंप्यूटर को ठीक प्रकार से चलाने का कार्य सिस्टम सॉफ्टवेयर यानी ऑपरेटिंग सिस्टम करता है।
शिक्षा में कंप्यूटर का योगदान
आज के समय में शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का बहुत ही बड़ा योगदान है। आज आप सभी घर पर बैठे-बैठे ही ऑनलाइन किसी भी विषय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कंप्यूटर में आप अनेकों पुस्तकों को डिजिटल फॉर्मेट में अपने साथ रख सकते हैं और किसी भी समय पढ़ सकते हैं।
कंप्यूटर भंडारण और डाटा प्रबंधन के लिए बहुत ही अच्छा साधन है। कंप्यूटर पर ही विद्यार्थी अपने लिए जरूरी नोट तैयार कर सकते हैं। आजकल ऑनलाइन क्लासेज भी होने लगी है जोकि घर बैठे बैठे ही बच्चों को उनके विषय शिक्षक से हर विषय का ज्ञान दे रही है।
Nibandh – Essay in Hindi
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